mp news-मध्यप्रदेश को अजब-गजब राज्य कहा जाता है, क्योंकि यहां बहुत कुछ अजब-गजब है. नीम की पत्ती, संतरे के छिलके, गुलाब के सूखे पत्ते और कई तरह की चीजें आपने जरूर देखीं होंगी. लेकिन यह सारी चीजें बेची भी जाती हैं, यह बात हैरान कर देने वाली है लेकिन ऐसा सच में होता है. मध्यप्रदेश की नीमच मंडी में फूल, पत्ते, कांटे बेचे जाते हैं. नीमच के स्थानीय व्यापारी इन्हें साफ कर विदेशों में सप्लाई करते हैं.
मध्यप्रदेश की नीमच मंडी में 65 से ज्यादा प्रकार की औषधियों की बिक्री होती है, इनके अलावा कई तरह के सूखे पत्ते, कांटे और सूखे फूल भी बेचे जाते हैं. इस अनोखी मंडी में दूर-दूर से किसान आते हैं.
नीमच मंडी में गुलाब के सूखे पत्ते, संतरे के छिलके, बबूल की फली,कंटीले भटकटैया, नीम की पत्ती सहित कई पत्ते,फूल और बीजों की बकायदा बोली लगती है. 65 से अधिक औषधीय फसलें,पेड़ के पत्ते, बीजों को यहां खरीदा जाता है.
नीमच की कृषि उपज मंडी ने अनूठे फल, पौधे और पत्ती की नीलामी किए जाने को लेकर देश में अलग ही पहचान बना ली है. इन सब चीजों के यहां पांच सौ रूपए से लेकर दो लाख रूपए तक के भाव मिलते है. हजारों किलोमीटर दूर से किसान औषधीय फसलों को बेचने के लिए आते हैं.
औषधीय फसलें, पत्ते,बीज, फल बेचने के लिए गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित कई प्रदेशों के किसान आते है. क्योंकि व्यापारी सार्वजनिक बोली लगाते है, इस लिहाज से उन्हें अच्छे दाम भी मिलते है. बता दें कि देश में और कहीं पर भी औषधीय मंडी में बोली लगाकर खरीदी नहीं होती है.
नीमच की मंडी में आम के आम और गुठलियों के दाम भी मिलते हैं, यहां आने वाले किसानों को हर चीज का अच्छा दाम मिलता है. यही वजह है कि रतलाम मंडी में एमपी सहित दूसरे राज्यों से भी किसान चले आते हैं.
अमरबेल, नागरमोथा, मोरिंगा के ठंडल, पत्ती आंखडे के फूल, चिक्की फली, शिशम के पत्ते, अश्वगंधा की जड, बेल के फल, छिलके, अकरकरा की जड, गिलोई,नागरमोथा,गुडमार पंचांग,पवाड के बीज,लिपटिस की पत्ती, हिंगोट, गेंदे के सूखे फूल,अमरूद पत्ती,महुआ बीज, जामफल की पत्ती, भटकटैया कांटे, निंबोली, बेल पत्र सूखे, गुलर की सूखी पत्ती,गोखरू,सफेद मूसली,धतूरे के फूल,लाल चिरमी,लेमनग्रास,बाबची बीज,काली जीरी,भरूट,गुलाब की सूखी पत्ती, सूखे करेले, टेसूफूल, कंटीली सहित 65 प्रकार की औषधीय फसलें बिकने के लिए आती .
नीमच मंडी देश की एकमात्र मंडी है यहां इन चीजों की नीलामी होती है. यहां के व्यापारी मंडी से खरीदकर माल को विदेशों में एक्सपोर्ट भी करते है. कई ऐसी फसलें हैं, जिनकी दवाईयां भी बनती हैं.
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