mp news: तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी है. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग से जैन तीर्थ सिद्धवरकूट तक का सफर श्रद्धालुओं के लिए आसान होने जा रहा है. पहले सिद्धवरकूट तक पहुंचने के लिए 35 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था, लेकिन अब आप यही सफर कुछ किलोमीटर में ही पूरा कर सकेंगे. पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और जैन तीर्थ सिद्धवरकूट को रोपवे से जोड़ा जाएगा.
मध्य प्रदेश में लाखों की संख्या में श्रद्धालु ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए आते हैं. हर साल यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ होती है. ऐसे में उनकी सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग के ब्रिज कॉर्पोरेशन ने 38 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है.
सिद्धवरकूट जैन धर्मावलंबियों का प्रमुख तीर्थस्थल है. यहां हजारों की संख्या में जैन समुदाय के लोग दर्शन के लिए आते हैं. सबसे पहले वे ओंकारेश्वर आते हैं और नर्मदा नदी में स्नान और दर्शन करने के बाद सिद्धवरकूट के लिए निकलते हैं. ओंकारेश्वर से सिद्धवरकूट जाने के लिए केवल एक बांध है और बांध से होकर जाने के लिए यात्रियों को अनुमति लेनी पड़ती है और उन्हें लगभग 35 किलोमीटर का चक्कर लगाकर जाना पड़ता है.
नर्मदा-कावेरी नदी पर पुल बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन अब तक यहां पुल नहीं बनाया गया है और न ही किसी स्तर पर इस ओर ध्यान दिया गया है.
रोपवे से यातायात सुगम होगा और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी. दो साल पहले मंत्री नितिन गडकरी ने 'पर्वतमाला परियोजना' के तहत रोपवे की घोषणा की थी. घोषणा की गई थी कि उज्जैन समेत प्रदेश में 17 जगहों पर रोपवे लगाए जाएंगे.
बताया जाता है कि ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं के अलावा बच्चे भी पढ़ाई के लिए आते हैं. नर्मदा-कावेरी नदी पर पुल न होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बारिश के मौसम में यह परेशानी और भी बढ़ जाती है. ऐसे में रोपवे को एक अच्छा विकल्प बताया जा रहा है.
ओंकारेश्वर-सिद्धवरकूट के अलावा पर्यटक टापू को भी ओंकारेश्वर से रोपवे से जोड़ा जाएगा. पर्यटक टापू पर आने वाले लोग यहां भी रोपवे का आनंद ले सकेंगे. सिंहस्थ मेले में आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने में भी रोपवे कारगर साबित होगा.
बताया जा रहा है कि रोपवे करीब 320 मीटर लंबा और 5.5 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा, जिसकी कुल लागत 38 करोड़ बताई जा रही है. प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है, वहां से मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.
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