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महाकाल में इस बार 9 नहीं 10 दिन मनेगा शिव नवरात्रि उत्सव, एक तिथि है 2 दिन

MP Ujjain News: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में शिव नवरात्रि उत्सव का आगाज हो गया है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हर साल महा शिवरात्रि का त्योहार  9 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इस बार की शिव नवरात्रि खास होने वाली है. 9 दिनों तक मनाया जाने वाला ये त्योहार अब पूरे 10 दिन तक चलेगा क्योंकि इस बार एक खास तिथि 2 दिनों तक रहने वाली है. क्या आपको पता है इन 10 दिनों तक भोलेनाथ के 9  नए रूप देखने को मिलते हैं? अगर नहीं तो आपको बता दें कि 9 दिनों तक चलने वाले इस शिव नवरात्रि उत्सव में बाबा महाकाल को अलग- अलग रूपों में श्रंगार किया जाता है जिसके दर्शन पाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. 

 

महाशिवरात्रि 2025

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महाशिवरात्रि 2025

महाशिवरात्रि के दिन हर शिव मंदिरों में  शिव भक्तों की भीड़ दिखाई देती है. वैसे तो महाशिवरात्रि 2025, 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी जिसको लेकर हर शिव भक्त में इस त्योहार का उत्साह बना हुआ है. 

 

शिव नवरात्रि उत्सव

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शिव नवरात्रि उत्सव

क्या आप जानते है कि,  मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में शिव नवरात्रि उत्सव का आगाज हो गया है? ये उत्सव 17 फरवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. जहां दुनियां 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाएगी वहीं उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भोलेनाथ को समर्पित इस त्योहार का बड़े भव्य तरीके से आगाज हो गया है. 

 

महाकाल के 9 रूप

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महाकाल के 9 रूप

महाकालेश्वर मंदिर में शुरू महाशिवरात्रि के त्योहार में, दस दिनों तक भोलेनाथ के अलग- अलग रूप देखने को मिलते हैं. हर दिन बाबा महाकाल को उनके विषेश रूप के अनुसार श्रंगार किया जाता है. 

 

शिव भक्तों में दर्शन के लिए उत्साह

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शिव भक्तों में दर्शन के लिए उत्साह

शिव भक्तों में  महाकाल के इन 9 रूपों के दर्शन करने की उत्साह रहती है. अलग- अलग रूप में महाकाल के दर्शन पाने के लिए भक्त कई किलोमीटर दूर से उज्जैन आते हैं. तो,  चलिए जानते है आखिर क्या खास है बाबा महाकाल के इन दस रूपों के बारे में....

 

चंदन श्रृंगार

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चंदन श्रृंगार

शिव नवरात्रि का पहला दिन जहां महाकाल को चंदन से श्रृंगार किया जाता है. चंदन से त्रिपुंड लगाया जाता है और शिवलिंग पर चंदन से आकृतियां बनाई जाती हैं. बताया जाता है कि शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाने से शीतलता मिलती है. 

 

शेषनाग रूप

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शेषनाग रूप

शिव नवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल को शेषनाग के रूप में श्रृंगार किया जाता है. इस दिन बाबा महाकाल का श्रृंगार राजा स्वरूप में किया जाता है. बताया जाता है कि शेषनाग रूप में महाकाल को देखने से मोह के बंधन से मुक्ति मिलती है.

 

घटाटोप रूप

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घटाटोप रूप

महाकालेश्वर मंदिर के उज्जैन में, शिव नवरात्रि के तीसरे दिन बाबा महाकाल घटाटोप रूप में दर्शन देते हैं. इस दिन बाबा को नीले रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं और मेखला, दुपट्टा, मुकुट, छत्र, नागकुण्डल, मुण्ड माला, और फलों की माला से सजाया जाता है. 

 

छबीना (राजकुमार रूप)

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छबीना (राजकुमार रूप)

इस दिन महाकाल को दूल्हे की तरह सजाया जाता है, ठीक वैसे ही जैसे विवाह से पहले दूल्हे का श्रृंगार किया जाता है. यह एक अनोखी परंपरा है, जिसमें बाबा को राजसी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देने का सौभाग्य प्राप्त होता है.

 

होल्कर परंपरा श्रृंगार

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होल्कर परंपरा श्रृंगार

शिव नवरात्रि के पांचवें दिन महाकाल बाबा को होलकर परंपराओं के अनुसार सजाया जाता है. 

 

मनमहेश स्वरूप

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मनमहेश स्वरूप

शिव नवरात्रि के छठवें दिन बाबा महाकाल को मनमहेश के रूप में सजाया जाता है.

 

उमा-महेश रूप

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उमा-महेश रूप

सातवें दिन बाबा महाकाल माता पार्वती के साथ उमा-महेश के रूप में भक्‍तों को दर्शन देते हैं, इस दिन महाकाल बाबा और मां पार्वती दोनों का स्‍वरूप भक्‍तों को दिखता है.

 

शिव तांडव रूप

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शिव तांडव रूप

आठवें दिन बाबा महाकाल शिव तांडव के रूप में भक्‍तों को दर्शन देते हैं, इस स्‍वरूप में महाकाल का रौद्र रूप भक्‍तों को देखने को मिलता है.

 

निराकार (दूल्हा रूप)

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निराकार (दूल्हा रूप)

शिव नवरात्रि के अंतिम दिन बाबा महाकाल को दूल्‍हे के रूप में सजाया जाता है. कई क्विंटल फूलों का सेहरा बाबा को पहनाया जाता है.