Exclusive: उमा भारती का बड़ा बयान, बोलीं- अयोध्या में नेहरू की वजह से हुआ बाबरी मस्जिद विध्वंस
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Exclusive: उमा भारती का बड़ा बयान, बोलीं- अयोध्या में नेहरू की वजह से हुआ बाबरी मस्जिद विध्वंस

Uma Bharti EXCLUSIVE: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. इससे पहले ही मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राम जन्मभूमि आंदोलन को याद किया है. उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर बड़ा बयान दिया है.

Exclusive: उमा भारती का बड़ा बयान, बोलीं- अयोध्या में नेहरू की वजह से हुआ बाबरी मस्जिद विध्वंस

Uma Bharti EXCLUSIVE: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पहले राम मंदिर जन्मभूमि आंदोलन को याद किया है. उन्होंने राम मंदिर विवाद और विवादित ढांचा गिराने की घटना के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कार सेवकों के संघर्ष और शहादत को याद भी किया है. 

उमा भारती ने ज़ी मीडिया से EXCLUSIVE बातचीत में कहा कि अयोध्या के बाद काशी-मथुरा की बारी है. इसके अलावा उन्होंने सारे विपक्षी दलों के नेताओं से कहा है कि वो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आएं क्योंकि ये राष्ट्र प्रतिष्ठा है.

बाबरी मस्जिद के लिए नेहरू जिम्मेदार
कार सेवा की अहम कड़ी और फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने राम मंदिर विवाद की जड़ पंडित जवाहर लाल नेहरू को बताया है. उन्होंने कहा कि 1949 में जवाहर लाल नेहरू वोटों के खातिर अंग्रेजों की नीति पर चले. डिवाइड एंड रूल (फूट डालो और राज करो) की नीति के तहत मंदिर पर ताला डलवाया. इसके बाद 1992 के ढांचा गिराने की घटना के लिए नेहरू और कांग्रेस जिम्मेदार है. 

राष्ट्र आत्मसम्मान की प्राण-प्रतिष्ठा
उमा भारती ने विपक्षी दलों के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, मायावती, असदुद्दीन ओवैसी समेत राम मंदिर पर राजनीति कर रहे नेताओं से आव्हान किया है कि राम मंदिर के कार्यक्रम में वो सभी आये, अगर वो आते हैं तो वो खुद उनके लिए कुर्सी लगाएंगी. क्योंकि ये राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा नहीं, राष्ट्र आत्म-सम्मान की प्राणप्रतिष्ठा है.

राम जन्मभूमि आंदोलन को किया याद
उमा भारती ने राम जन्मभूमि आंदोलन को याद करते हुए कहा कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान जेल से निकलने के लिए उन्होंने सिर मुड़वाकर पहचान बदलकर बाहर निकली और अयोधया पहुंची थी. उन्होंने आगे कहा कि 1992 के राम मंदिर के आंदोलन के दौरान जब भीड़ उग्र हो गयी और आडवाणी जी ने मुझे लोगों को समझाने के लिए कहा पर 1990 के आंदोलन में जान देने वाले दो सगे भाइयो की मां को देखकर मान कांप गया और जो भाषण उस वक्त मैंने दिया उसका जिक्र नहीं नियमों के चलते नहीं कर सकती. 

उमा भारती EXCLUSIVE बातचीत में राम मंदिर आंदोलन को बताते हुए भावुक भी हुई. उन्होंने कहा कि हम आंदोलन सैनिक की तरह जान देने के लिए गए थे पर कई साथियों के बलिदान पर मुझे मलाल है कि ऐसा मेरे साथ क्यों नहीं हुआ.

रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा

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