Vivah Panchami Date: विवाह पंचमी कब है, जानिए राम विवाह का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
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Vivah Panchami Date: विवाह पंचमी कब है, जानिए राम विवाह का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

Vivah Panchami Kab Hai: अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन राम सीता विवाहोत्सव मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल कब है राम विवाहोत्सव का शुभ मुहूर्त और क्या है पूजा की सही विधि? 

Vivah Panchami Date: विवाह पंचमी कब है, जानिए राम विवाह का शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

Vivah Panchami Date 2022: मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन जनकनंदनी सीता से भगवान राम का विवाह हुआ था. इसलिए इस तिथि को विवाह पंचमी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन हिंदू धर्म को मानने वाले लोग राम सीता का विवाहोत्सव मनाते हैं. अगहन पंचमी के दिन भगवान राम के स्वरूप से मां सीता का विवाह कराते हुए धूमधाम से विवाहोत्सव मनाना बहुत शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कब है विवाह पंचमी और इस दिन कैसे मनाएं राम सीता का विवाहोत्सव?

विवाह पंचमी कब है?
हिंदू पंचाग के अनुसार मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 27 नवंबर की शाम 04 बजकर 25 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका समापन 28 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट पर होगा. उदयातिथि मान्यतानुसार विवाह पंचमी 28 नवंबर को मनाई जाएगी.

विवाह पंचमी शुभ मुहूर्त 
इस बार अगहन पंचमी यानी विवाह पंचमी के दिन चार शुभ योग बन रहे हैं. इस योग में पूजा पाठ करना बहुत पुण्यकाणी माना गया है. इस दिन सुबह 11 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक अभिजित मुहूर्त, शाम 05 बजकर 21 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 49 मिनट तक अमृत काल, सुबह 10 बजकर 29 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 55 मिनट रवि योग है.

विवाह पंचमी पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद राम सीता विवाह का संकल्प लें और विवाहोत्सव का कार्यक्रम शुरू करें. इसके बाद भगवान राम की प्रतिमा पर पीतांबरी और माता सीती की प्रतिमा पर चुनरी अर्पित करें. इसके बाद रामायण के बालकांड में विवाह प्रसंग का पाठ करें. इसके बाद 5 माला 'ऊं जानकीवल्लभाय नमः' का जाप करें. तत्पश्चात भगवान राम की पीतांबरी में मां सीती की चुनरी से गठबंध करें. साथ ही राम विवाहोत्सव धूम धाम से मनाते हुए भगवान राम के गीत और मां सीती के गीत का गान करें.

विवाह पंचमी का महत्व
विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और सीता का मिलन हुआ था और दोनों वैवाहिक जीवन में बंधे थे. इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन राम विवाह की कथा सुनना बेहद शुभ होता है. जो लोग इस दिन रामचरित मानस का संपूर्ण पाठ करते हैं. उनका वैवाहिक और पारिवारिक जीवन दोनों सुखमय होता है. 

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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