MP में BJP के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पूरी: दिग्गजों में किसकी चली, कांग्रेस को यहां एतराज !
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MP में BJP के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पूरी: दिग्गजों में किसकी चली, कांग्रेस को यहां एतराज !

MP BJP Jila Adhyaksh: मध्य प्रदेश में बीजेपी के जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां पूरी होने के बाद सियासत भी शुरू हो गई है. एमपी कांग्रेस ने मामले में निशाना साधा है. 

बीजेपी के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर भी सियासत

MP BJP District Presidents: मध्य प्रदेश में एक महीने में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई है. लेकिन इस मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है. यहां तक की कांग्रेस ने भी बीजेपी जिलाध्यक्षों की चयन प्रक्रिया में आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग को उचित स्थान नहीं देने का आरोप लगाया है. बता दें कि बीजेपी ने 9 सूचियों में जिलाध्यक्षों के नाम का ऐलान किया है. सबसे पहले विदिशा और उज्जैन के जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई थी, जबकि सबसे आखिरी में इंदौर के जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां हुई हैं, जिसमें सवर्ण और ओबीसी वर्ग को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया गया है. 

62 जिलाध्यक्षों में किसे कितना मौका

बीजेपी ने 9 लिस्टों में 62 जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान किया है, 62 में से 29 जिला अध्यक्ष सामान्य वर्ग से बनाए गए हैं, जबकि 25 ओबीसी चेहरो को मौका दिया गया है. वहीं अनुसूचित जाति के 3 और अनुसूचित जनजाति के चार चेहरों को मौका दिया गया है. वहीं 62 में से 17 पुराने जिलाध्यक्षों को ही रिपीट किया गया है, जबकि सात महिलाओं को भी इस बार जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी गई है. बीजेपी ने लंबी जद्दोजहद के बाद जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान किया है, जिसमें सभी तरह के समन्वयय बनाए गए हैं. पार्टी ने सीनियर नेताओं को तव्वजों दी है. जबकि पूर्व मंत्रियों के साथ-साथ संघ बेग्राउंड से आने वाले नेताओं को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है. 

बीजेपी के दिग्गजों को दिया पूरा मौका 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में सभी को साधने की कोशिश की है. वीडी शर्मा के सबसे ज्यादा समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि सीएम मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ मंत्री, विधायक, सांसद और पूर्व मंत्रियों को भी पूरी तव्वजों दी गई है. वहीं बीजेपी ने 6 जिलों के अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से आने वाले नेताओं को बनाया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी ने पार्टी के सांसद और विधायकों से उनके पसंदीदा नाम लिखित में मांगे गए थे, इसके बाद ही धीरे-धीरे रायशुमारी करके अध्यक्ष बनाए गए हैं. 

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कांग्रेस ने साधा निशाना 

वहीं बीजेपी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में कांग्रेस ने निशाना साधा है, कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने कहा 'भाजपा आदिवासी और दलित विरोधी है, जिसका प्रमाण एक बार फिर संगठन चुनाव मैं देखने को मिला जहां 62 जिलाध्यक्षों में से सिर्फ चार आदिवासी और तीन दलित चेहरों को स्थान दिया गया हैराहुल गांधी तभी पूछते हैं सरकार और संगठन मै दलित आदिवासियों की कितनी हिस्सेदारी है.' 

बीजेपी का पलटवार 

वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है, भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा 'बीजेपी ने सभी वर्गों को स्थान दिया है. जबकि आने वाली प्रदेश कार्यकारिणी में और समितियों में भी सभी वर्गों को स्थान मिलेगा, लेकिन कांग्रेस को पहले अपने अंदर झांकना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने तो लंबे समय तक प्रदेश में शासन किया है, लेकिन आजतक किसी भी दलित या आदिवासी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया है. लेकिन बीजेपी हर वर्ग को उचित स्थान देती है. ऐसे में बीजेपी के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर जमकर सियासत हो रही है. 

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