समय के साथ बच्चों की सोच भी बदल रही है और इसकी वजह से से अपराध के आंकड़े भी. अब 13 से 17 साल के उम्र के बच्चे घर से भाग रहे हैं. जब उन्हें पकड़ा गया और उनसे बात की गई तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं.
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राकेश जायसवाल/खरगौन: मध्य प्रदेश की खरगौन पुलिस ने जब दो महीने के आंकड़ें देखे तो वह दंग रह गई. इन महीनों में घर से भागने वालों बच्चों की संख्या ज्यादा देखने को मिली जिनकी उम्र 13 से 17 साल थी. नाबालिग लड़के और लड़कियों के अपहरण और गुमशुदगी के आंकड़ों को देखे तो खरगोन जिले में ही दो माह जुलाई और अगस्त में चौंकाने वाले हैं. जुलाई में 87 तो अगस्त में 44 का डाटा पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है जिसमें अधिकतर आयु 13 से 17 वर्ष की है.
एसपी ने की जी मीडिया से बात
एसपी धर्मवीर सिंह से zee मीडिया ने बात की तो ऑपरेशन मुस्कान में दो माह में 111 नाबालिग बालक /बालिका के अपहरण, गुम होने के केस जिले के विभिन्न थानों पर दर्ज हुए हैं जो प्रतिदिन औसतन दो हैं. इस प्रकार के मामले घटित होना बताता है कि कुछ तो बच्चों के मन में अलग सा चल रहा है.
111 में से 47 लड़के-लड़कियां बरामद
एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन मुस्कान के तहत आईजी राकेश गुप्ता से मिले निर्देशों के अनुसार हमने 111 में से 47 लड़के-लड़कियों को बरामद किया है. पुलिस ने गुजरात, दिल्ली सहित एमपी के जिलों से 47 लड़के और लड़कियों का रेस्क्यू किया. एसपी धर्मवीर सिंह ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही 2022 के सभी मामलों में सफलता मिलेगी. पुलिस टीमों को भेजा जा रहा है.
घर से भागने का ये है रीजन
एसपी सिंह ने बताया कि इनके बरामद होने के बाद बयान में अधिकतर रेस्क्यू बालक/बालिका जॉब या घर से नाराज होकर घर से चले जाना सामने आया है. हाल ही में एक ही परिवार की तीन बालिकाएं एक साथ घर से पूरी तैयारी निकल गईंं. उन्हें अजमेर से पुलिस ने सकुशल रेस्क्यू किया. ऐसे मामले पारिवारिक नाराजगी के होना सामने आते है जो पुलिस के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं. उन्होंने युवाओं की नई पीढ़ी को एक अलग ही दुनिया होना बताया जिन्हें बहुत करीब से समझना और समझाना परिवार और पैरेंट्स का लक्ष्य होना चाहिए.
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