Digvijay Singh: राम मंदिर निर्माण पर दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर सफाई दी है, उनका कहना है कि कांग्रेस ने कभी भी राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया है, दिग्विजय सिंह के इस बयान पर सीएम मोहन के मंत्री ने पलटवार किया है.
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MP News: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार करने के बाद से ही कांग्रेस के नेता लगातार इस मामले में सफाई दे रहे हैं, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम भी शामिल हैं. दिग्विजय सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने कभी भी राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया है. हमने केवल केवल विवादित भूमि में निर्माण के लिए न्यायालय के फैसले तक इंतजार करने के लिए कहा था. उनके इस बयान पर अब मोहन सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पलटवार किया है.
भूमिपूजन राजीव गांधी के समय हुआ था
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा था 'कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या जी में राम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं किया, केवल विवादित भूमि में इंतजार करने के लिए कहा था. गैर विवादित भूमि पर भूमि पूजन भी राजीव जी के समय हो गयी थी. नरसिम्हा राव जी ने राम मंदिर निर्माण के लिए गैर विवादित भूमि का अधिग्रहण भी कर दिया था. बीजेपी, VHP और RSS को मंदिर निर्माण नहीं मस्जिद गिराना था, क्योंकि जब तक मस्जिद नहीं गिरेगी तब तक मुद्दा हिंदू-मुसलमान का नहीं बनता. विध्वंस उनकी चाल व चरित्र में है अशांति फैला कर राजनीतिक लाभ लेना उनकी रण नीति है.'
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा 'मंदिर अब वहां क्यों नहीं बनाया गया है, जबकि उच्चतम न्यायालय ने विवादित भूमि न्यास को दे दी थी?. इसलिए इस बात का जवाब केवल विश्व हिंदू परिषद या चंपत राय या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे सकते हैं.' दिग्विजय सिंह ने यह सारी बातें सोशल मीडिया एक्स पर लिखी थी, इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में शहीद होने वाले लोगों के प्रति भी सहानुभूति जताई थी.
मंत्री का पलटवार
दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी के नेता हमलावर हो गए. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पलटवार करते हुए कहा 'अब सफाई देने से क्या फायदा होगा, क्योंकि कांग्रेस की असलियत जनता जान चुकी है. दिग्विजय सिंह और कांग्रेस की बातों को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है, क्योंकि दिग्विजय सिंह राम विरोधी बातें करते हैं. कांग्रेस सनातन विरोधी बातें करती है, इसलिए अब इन पर टिप्पणी करना व्यर्थ हो चुका है.' मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मंदिर निर्माण के लिए सभी से खुले मन से आयोजन में शामिल होने की अपील की है.
क्या राम मंदिर पर घिर गए पूर्व मुख्यमंत्री !
दरअसल, कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है, जिसके बाद से ही कांग्रेस में आपसी सामजंस्य की स्थिति नजर नहीं आ रही है. कांग्रेस के कई नेताओं ने इस मामले में पार्टी से इतर राय दी है. कांग्रेस के कई नेताओं ने राम मंदिर जाकर दर्शन करने की बात भी कही है. ऐसे में दिग्विजय सिंह लगातार इस मामले में सफाई दे रहे हैं, लेकिन बीजेपी उनके हर बयान पर निशाना साध रही है, जिससे मध्य प्रदेश की सियासत भी अब राम मंदिर मुद्दे पर गर्माती नजर आ रही है.
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