Delhi Government: सिसोदिया ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या के कारण उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव है. केंद्र सरकार ने चुनी हुई सरकार के अधिकार छीन लिए हैं. जब लोकतंत्र की हत्या होती है तो सभी पक्ष प्रभावित होते हैं.
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Sisodia Criticized Governor: आबकारी नीति मामले में जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने बुधवार को कहा कि राज्यपाल का पद समाप्त कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह संस्था लोकतंत्र पर बोझ बन गई है. उन्होंने दावा किया कि राज्यपालों का काम केवल गैर-एनडीए दलों की सरकारों के कामकाज में बाधा डालना रह गया है.
शुक्रवार को ही तिहाड़ जेल से बाहर आए सिसोदिया ने न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत करते हुए कहा कि उपराज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच टकराव के कारण दिल्ली में नौकरशाह परेशान हैं. उन्होंने कहा कि इससे वह दुखी हैं. दिल्ली में उपराज्यपाल कार्यालय और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच शासन संबंधी कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं.
उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव
सिसोदिया ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या के कारण उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव है. केंद्र सरकार ने चुनी हुई सरकार के अधिकार छीन लिए हैं. जब लोकतंत्र की हत्या होती है तो सभी पक्ष प्रभावित होते हैं. यहां तक कि सरकार के अधिकारी भी त्रस्त हैं और मुझे उनके लिए दुख है. पिछले साल फरवरी में गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सिसोदिया ने कहा कि राज्यपाल का पद समाप्त कर दिया जाना चाहिए.
राज्यपाल की क्या आवश्यकता है?
उन्होंने यह भी कहा कि इस पद को समाप्त कर देना चाहिए. हमें राज्यपाल की क्या आवश्यकता है. निर्वाचित सरकार को शपथ दिलाने के लिए. यह काम अन्य संस्थाएं भी कर सकती हैं. सरकारों को गिराने के अलावा उनका क्या काम है? इसके अलावा वे क्या कर रहे हैं? सिसोदिया ने कहा कि राज्यपाल एक संस्था के रूप में इस देश में बोझ बन गए हैं. वे निर्वाचित सरकार के कामकाज में बाधा डालने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं. उम्मीद है कि इस समस्या का समाधान निकलेगा.
अन्य राज्यों में भी समस्याएं
आप नेता ने यह भी कहा कि यह मुद्दा न केवल दिल्ली में है, बल्कि पश्चिम बंगाल, केरल जैसे अन्य राज्यों में भी समस्याएं पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति पूरे देश में चल रही है और तानाशाही को बढ़ावा दे रही है. तानाशाही के कारण दिल्ली और अन्य राज्यों में भी नुकसान हो रहा है. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि राज्यपालों की नियुक्ति केवल निर्वाचित सरकार के कामकाज में बाधा डालने की उनकी क्षमताओं के आधार पर की जा रही है.