Union Budget 2024-25: केंद्रीय बजट के पेश होने के बाद से विपक्ष का मोदी सरकार पर हमला जारी है. बुधवार को राज्यसभा में भी विपक्ष ने बजट को लेकर जमकर हंगामा किया.
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Union Budget 2024-25: केंद्रीय बजट के पेश होने के बाद से विपक्ष का मोदी सरकार पर हमला जारी है. बुधवार को राज्यसभा में भी विपक्ष ने बजट को लेकर जमकर हंगामा किया. विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर 2024-25 के केंद्रीय बजट में केवल दो राज्यों, बिहार और आंध्र प्रदेश को प्राथमिकता देने और बाकी देश की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
कुर्सी बचाओ बजट..
खरगे ने बजट को "कुर्सी-बचाओ" दस्तावेज बताया और इस कथित पक्षपात के खिलाफ कांग्रेस और अन्य इंडी अलायंस दलों की तरफ से आलोचना की. राज्यसभा में खरगे ने कहा कि मोदी सरकार के बजट में किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला. जिन राज्यों की जनता ने भाजपा को नकार दिया है, उन राज्यों को इस बजट से कुछ नहीं मिला! सबकी थाली खाली है और दो राज्यों की थाली में पकौड़े और जलेबी हैं. यह बजट केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए लाया गया है.
खरगे ने साधा निशाना
जब राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देने का आग्रह किया, तो खरगे ने टिप्पणी की, "मैं बोल देता हूं. माताजी बोलने में तो एक्सपर्ट हैं मुझे मालूम है." उन्होंने आगे तर्क दिया कि राज्यों के बीच संतुलन के बिना कोई विकास नहीं हो सकता. जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देने का मौका दिया गया, तो खरगे ने विरोध में विपक्षी गुट का नेतृत्व करते हुए सदन से बाहर निकल गए.
सीतारमण का काउंटर अटैक
सीतारमण ने बताया कि उन्होंने फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट या मंगलवार को पेश किए गए पूर्ण बजट में कई राज्यों का नाम नहीं लिया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका मतलब यह नहीं है कि सरकारी योजनाएं उन राज्यों को लाभ नहीं पहुंचा रही हैं और उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया, जिसका किसी भी बजट में उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन फिर भी पिछले महीने दहानू में 76,000 करोड़ रुपये की वधावन बंदरगाह परियोजना के लिए मंजूरी मिल गई.
कांग्रेस को दी चुनौती..
उन्होंने कहा, "अगर भाषण में किसी खास राज्य का नाम नहीं लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार की योजनाएं, भारत सरकार के कार्यक्रम, विश्व बैंक, एडीबी, एआईआईबी और इस तरह की संस्थाओं से मिलने वाली बाहरी सहायता इन राज्यों को नहीं मिलती? ये तो आम बात है." वित्त मंत्री ने कांग्रेस पार्टी को चुनौती दी कि वे अपने बजट भाषणों की समीक्षा करें और देखें कि क्या उन्होंने देश के हर राज्य का नाम लिया है. उन्होंने विपक्ष के आरोपों को अपमानजनक बताया.
(एजेंसी इनपुट के साथ)