Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का रुख समझ नहीं आ रहा. या, ये समझ लिया जाए कि भाजपा ने भी मान लिया है.. चुनाव में सब चलता है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि भाजपा की उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट बयां कर रही है.
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का रुख समझ नहीं आ रहा. या, ये समझ लिया जाए कि भाजपा ने भी मान लिया है.. चुनाव में सब चलता है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि भाजपा की उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट बयां कर रही है. परिवारवाद और उम्र सीमा के साथ-साथ दलबदलुओं के मुद्दे पर हमेशा सख्त रुख अपनाने वाली भाजपा इस बार के चुनाव में नरम लग रही है. भाजपा ने की पांचवीं लिस्ट में ऐसे कई उम्मीदवार हैं जो परिवारवाद, उम्र सीमा और दलबदलू के ब्रैकेट में सटीक बैठते हैं.
उम्र सीमा का फॉर्मूला फेल
आइये अब बात करते हैं भाजपा के उन उम्मीदवारों की जिन्हें लेकर ये सारे मुद्दे पार्टी के लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं. पहले आपको बताते हैं भाजपा के उम्र सीमा के फेल होते फॉर्मूले के बारे में. भाजपा ने सतना की नागौद विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. नागेंद्र सिंह भाजपा के उम्र वाले फॉर्मूले में कहीं से फिट नहीं बैठते क्योंकी 81 साल के हैं. नागेंद्र सिंह ने खुद कुछ दिनों पहले कहा था कि वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे और युवाओं को मौका देना चाहेंगे. लेकिन भाजपा ने 81 साल के बुजुर्ग पर ही भरोसा जताया और उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया.
76 साल के जयंत कुमार मलैया
ऐसे ही जयंत कुमार मलैया भी हैं जिनकी उम्र 76 साल है. जयंत कुमार भाजपा ने दमोह से एक बार फिर उम्मीदवार घोषित किया है. मलैया को पिछले चुनाव में कांग्रेस के राहुल लोधी से हार का सामना करना पड़ा था. उनकी हार में मतों का अंतर बहुत कम था यही कारण हो सकता है कि भाजपा ने उनपर एक बार फिर दांव खेलना सही समझा हो लेकिन पार्टी का उम्र सीमा वाला फॉर्मूला यहां भी फेल हो गया.
नागेंद्र सिंह 81 साल के हैं
नागेंद्र सिंह नाम के एक दूसरे उम्मीदवार को भाजपा ने रीवा की गुढ़ विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. इनकी उम्र भी 81 पार है. नागेंद्र सिंह ने भी यह कहा था कि वे अब चुनावी मैदान में कभी नहीं उतरेंगे. लेकिन भाजपा ने 2018 के चुनाव में भी उन्हें उम्मीदवार बनाया और इस बार 2023 में भी उनपर ही भरोसा जताया.
भाजपा भूल गई परिवारवाद की बातें?
अब परिवारवाद की बात करते हैं जिसके खिलाफ में भाजपा हमेशा मुखर रही है. मध्यप्रदेश की जोबट सीट से विधायक सुलोचना रावत के बेटे विशाल रावत को उम्मीदवार बनाया गया है. सुलोचना बीमार चल रही हैं इसलिए पार्टी ने उनके बेटे पर दांव खेलना उचित समझा, लेकिन परिवार की बातें भूल गई. दलबदलुओं की बात करें तो सिद्धार्थ तिवारी के नाम की चर्चाएं जोरों पर हैं. सिद्धार्थ ने कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा का साथ पकड़ा है. भाजपा ने उन्हें त्योंथर से प्रत्याशी घोषित किया है. भाजपा ने ग्वालियर पूर्व सीट से 73 साल की माया सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है. माया सिंह, सिंधिया की मामी लगती हैं.