BMC announced 15 per cent Water Cut: बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने मुंबई में 24 घंटे 15 प्रतिशत पानी की कटौती की घोषणा की है, जिसके बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है.
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Mumbai Water Crisis: देश का आईटी हब बेंगलुरु पानी की एक बूंद के लिए तरस रहा है. संकट इतना गहरा है कि लोग पानी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगने को मजबूर हैं. इस बीच बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने सोमवार को पांच प्रतिशत पानी की कटौती की. इसके साथ ही मंगलवार (19 मार्च) को भी मुंबई में 24 घंटे 15 प्रतिशत पानी की कटौती की घोषणा की है, जिसके बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है. लोगों को इस बात का डर सताने लगा है कि मुंबई का भी हाल बेंगलुरु जैसा तो नहीं हो जाएगा?
बीएमसी क्यों कर रहा पानी की कटौती?
दरअसल, बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने प्री-मानसून रखरखाव काम की वजह से पानी में कटौती की है. नगर निकाय के अनुसार, पूरे शहर में पानी की अतिरिक्त कटौती ठाणे जिले के पाईस डैम में पानी की कमी के कारण की गई है. सोमवार शाम को जारी एक बयान में, बीएमसी ने कहा कि महानगर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित बांध को भातसा जलाशय से पानी मिलने के बाद पानी की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी.
डैम का रबर ब्लैडर हो गया है खराब
नगर निकाय ने प्रेस रिलीज में बताया, 'पाईस डैम के 32 गेटों में से एक का रबर ब्लैडर खराब हो गया, जिसकी वजह से 16 दिसंबर को इससे पानी का रिसाव शुरू हो गया था. ब्लैडर की मरम्मत के लिए बांध के जलस्तर को 31 मीटर तक कम करना पड़ा है. इस वजह से भातसा से पानी की आपूर्ति की गई कम की गई है.' बीएमसी ने आगे बताया, 'रबर ब्लैडर मरम्मत कर दी गई है, लेकिन पंजरपोल में उपचार संयंत्र के माध्यम से मुंबई में पानी पंप करने के लिए बांध का स्तर पर्याप्त नहीं है. भाlसा जलाशय से पानी छोड़ा गया है, लेकिन चूंकि यह पाईस डैम से 48 किलोमीटर दूर है, इसलिए पानी पहुंचने और इसे पर्याप्त स्तर तक लाने में समय लगेगा.'
बीएमसी ने पहले ही दी थी पानी कटौती की सूचना
बीएमसी ने पिछले सप्ताह एशिया के सबसे बड़े संयंत्रों में से एक भांडुप में वाटर प्यूरीफायर प्लांट में होने वाली सफाई की वजह से मुंबई में 15 मार्च से 24 अप्रैल तक पांच प्रतिशत पानी की कटौती की घोषणा की थी. डैम में पानी के निचले स्टर के कारण बीएमसी ने पहले दस प्रतिशत पानी की कटौती का प्रस्ताव दिया था. हालांकि, राज्य सरकार द्वारा अपने आरक्षित भंडार से पानी की कमी को दूर करने के आश्वासन के बाद यह लागू नहीं हुआ.
बेंगलुरु में भीषण जल संकट
इस समय कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के लोग पिछले काफी समय से भयंकर पानी के संकट से जूझ रहे हैं. लोगों को पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. हालात इतने गंभीर हैं कि बेंगलुरु में मौजूद 14 हजार बोरवेल में से 6900 सूख गए हैं. इसके साथ ही सभी झीलें भी लगभग सूख चुकी हैं. पानी के संकट से निपटने के लिए लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. इसके साथ ही एक दिन छोड़कर नहाने के अलावा सप्ताह में 2 दिन बाहर से खाना मंगाने और डिस्पोजेबल बर्तनों के इस्तेमाल जैसे इनोवेशन कर रहे हैं.