PFI Terrorist: दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद एजेंसी के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. हम्मद गौस नियाजी रूद्रेश की हत्या का मुख्य आरोपी था और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के सिर्फ यही अकेला बचा हुआ था और देश से फरार हो गया था.
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NIA ने शनिवार को PFI के दो फरार आतंकियों को गिरफ्तार किया. दोनों आतंकियों पर NIA ने इनाम रखा हुआ था और पिछले काफी समय से फरार थे. एक आतंकी को एजेंसी ने तंजानिया से भारत डिपोर्ट कर मुंबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया जबकि दूसरे आतंकी को आंध्र प्रदेश से गिरफ्तार किया गया.
16 अक्टूबर 2016 को बैंगलुरू में RSS के नेता रूद्रेश की हत्या के बाद से मोहम्मद गौस नियाजी फरार था. इस पर एजेंसी ने पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था. मौहम्मद गौस नियाजी PFI की राजनीतिक शाखा SDPI का सदस्य है और कर्नाटक की हेब्बल विधानसभा का प्रेजिडेंट भी था. गौस नियाजी ने बाकी आरोपियों के साथ मिल कर RSS के नेता रूद्रेश की हत्या की साजिश रची थी ताकी RSS में डर का माहौल पैदा हो जाये. इसका मानना था कि RSS या हिंदू नेताओं की हत्या करना एक तरह से “Holy War” है.
2 लाख के इनामी और फरार आतंकी..
इसके अलावा एजेंसी ने 2 लाख के इनामी और फरार आतंकी अब्दुल सलेम को गिरफ्तार किया है. अब्दुल सलेम तेलांगना उत्तर से PFI का सेक्रेटरी था और इस प्रतिबंधित संगठन के लिये भारत को 2047 तक इस्लामिक देश बनाने की साजिश में लगा हुआ था. इस काम के लिये अब्दुल सलेम मुस्लिम युवकों की भर्ती करने और अपनी विचारधारा को बढाने में लगा हुआ था. जो लोग PFI में शामिल हो रहे थे उन्हें आतंकी कैम्प में ट्रेनिंग के लिये भेजा जाता था ताकी वो PFI की साजिश के तहत आतंकी वारदातों में शामिल हो सके और अंजाम तक पहुंचा सके.
एजेंसी के हाथ बड़ी कामयाबी..
इन दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद एजेंसी के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. मौहम्मद गौस नियाजी रूद्रेश की हत्या का मुख्य आरोपी था और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के सिर्फ यही अकेला बचा हुआ था और देश से फरार हो गया था. इसे भारत लाना एक बड़ी सफलता है और एजेंसी ने रूद्रेश की हत्य़ा मामले में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा एजेंसी ने अब्दुल सलेम को गिरफ्तार किया है जो PFI का बड़ा नाम है. एजेंसी ने अब्दुल सलेम समेत 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी लेकिन सलेम अभी तक फरार था.