Sharad Pawar Meets Adani: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को अहमदाबाद में गौतम अडानी से मुलाकात की. दोनों दिग्गजों की मुलाकात के बाद से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है.
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Sharad Pawar Meets Adani: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को अहमदाबाद में गौतम अडानी से मुलाकात की. दोनों दिग्गजों की मुलाकात के बाद से सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि शरद पवार ने अहमदाबाद में अडानी के घर और कार्यालय का भी दौरा किया. पवार और अडानी अहमदाबाद में भारत के पहले लैक्टोफेरिन संयंत्र के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित थे.
पवार ने ट्विटर पर पोस्ट किया, "गौतम अडानी के साथ गुजरात के वासना, चाचरवाड़ी में भारत के पहले लैक्टोफेरिन प्लांट एक्सिमपॉवर का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात थी." बता दें कि यह बैठक राहुल गांधी के अडानी पर लगातार हमले के बीच हुई है और ऐसे समय में जब विपक्षी गुट इंडिया 2024 के चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट लड़ाई की तैयारी कर रहा है. शरद पवार इंडिया गुट के एक प्रमुख नेता हैं और वह मुंबई में गठबंधन की आखिरी बैठक के मेजबान थे.
शरद पवार और अडानी की मुलाकात की तस्वीरें शेयर कर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि तस्वीर हजारों शब्द कहती है, लेकिन केवल तभी जब राहुल गांधी उन्हें सुनने के इच्छुक हों. पूनावाला ने कहा, भारत में कोई भी राहुल गांधी को गंभीरता से नहीं लेता.
I just hope that Sharad Pawar ji won’t be abused by likes of Alka Lamba again merely because nobody in Alliance takes @RahulGandhi or his utterances seriously. This picture speaks a thousand words provided Rahul Gandhi is willing to listen pic.twitter.com/UYFA3EnoIr
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad) September 23, 2023
पूनावाला ने ट्वीट किया, "मैं बस उम्मीद करता हूं कि शरद पवार जी को फिर से अलका लांबा जैसे लोग गाली नहीं देंगे, क्योंकि भारतीय गठबंधन में कोई भी राहुल गांधी या उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेता. यह तस्वीर हजारों शब्द बोलती है, बशर्ते राहुल गांधी सुनने को तैयार हों."
यह पहली बार नहीं है कि शरद पवार की अडानी से नजदीकियां सामने आई हैं. इस साल की शुरुआत में एक साक्षात्कार में, शरद पवार ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति की विपक्ष की मांग का विरोध किया और कहा कि वह इसके बजाय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली समिति का समर्थन करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)