Balasore Train Accident Shayari: बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट (Balasore Train Accident) में जो लोग मारे गए वो घर से निकले तो थे अपनी मंजिल को जाने के लिए पर पहुंच ना सके. ऐसी ही एक और दर्दनाक कहानी सामने आई है.
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Odisha Train Accident Diary: बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट (Balasore Train Accident) के बाद पटरियों पर मुसाफिरों का सामान इधर-उधर पड़ा मिला. पटरियों के बीच एक डायरी भी पड़ी मिली. हवा के साथ डायरी के पन्ने फड़फड़ाते हुए दिखे. पन्नों पर किसी के लिए, किसी मुसाफिर ने पैगाम-ए-मोहब्बत लिखा था. अब एक्सीडेंट (Accident) के बाद ये पैगाम उस तक नहीं पहुंच पाएगा क्योंकि जिसके लिए बांग्ला भाषा में किसी ने अपने हाथ से ये शायरियां लिखी थीं. डायरी के एक फटे पेज पर एक ओर हाथियों, मछलियों और सूरज के रेखा चित्र बने हैं. यात्रा में किसी यात्री ने खाली समय में इनको लिखा होगा. हालांकि, इस शख्स की पहचान अब तक नहीं हो पाई है.
डायरी में लिखी है ये शायरी
बालासोर में मौके से बरामद हुई इस डायरी में बांग्ला भाषा में कुछ शायरी लिखी हैं. शायरी कुछ इस तरह से है, ‘अल्पो अल्पो मेघा थाके, हल्का ब्रिस्टी होय, चोटो चोटो गोलपो ठेके भालोबासा सृष्टि होय'. इसका मतलब है कि ठहरे-ठहरे बादलों से बरसती हैं बूंदे, जो हमने तुमने सुनी थीं कहानियां, उनमें खिलती हैं मोहब्बत की कलियां. डायरी के इन पन्नों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
महबूब को पैगाम-ए-मोहब्बत
इसी डायरी में लिखी एक और अधूरी शायरी कहती है, 'भालोबेशी तोके चाई साराखोन, अचिस तुई मोनेर साठे'. इसका अर्थ है कि मुझे हर वक्त तुम्हारी जरूरत है, हर वक्त मेरे दिल-ओ-दिमाग में तुम ही छाई हो. जो भी इन शायरियों को पढ़ रहा है उसके आंखें नम हो जा रही हैं क्योंकि मोहब्बत का ये पैगाम उसके महबूब तक नहीं पहुंच पाएगा.
लोगों ने बताई दिल चीरने वाली शायरी
सोशल मीडिया पर लोगों ने इन शायरियों पर कहा कि किसी के प्यार में डूबकर लिखी गईं ये लाइनें दिल को चीरने वाली हैं, ओह! जिंदगी कैसी पहेली है. स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब तक इस डायरी पर दावा करने कोई नहीं आया है. लिखने वाले के साथ क्या हुआ, इसके बारे में भी नहीं पता है.
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