कानपुर रेलवे स्टेशन (Kanpur Railway Station) के नए मॉडल के तहत प्रस्तावित कामों की बात करें तो सिटी साइड में थ्री स्टार होटल कम मॉल के साथ 250 वाहनों की रिजर्व पार्किंग होगी. नए डिजाइन में बदलने के बाद सबसे पहले आउटर लुक की बात करें तो कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन की पार्किंग फ्यूचर में किसी एयरपोर्ट की तरह होगी.
नए रंग रूप वाले कानपुर रेलवे स्टेशन के प्रस्तावित मॉडल के हिसाब से इसके एक परिसर में जनरल कम रिजर्वेशन सेंटर होगा. वहीं 200 यात्रियों की क्षमता वाला मुसाफिरघर बनाया जाएगा. इसके साथ ही घंटाघर से पोर्टिको तक रिजर्व कॉरिडोर भी बनाया जाएगा. वहीं इसके पोर्टिको को भी सही जगह से कनेक्ट किया जाएगा.
नए रूप में आने के बाद इसके हर प्लेटफार्म पर आटोमैटिक टिकट वेडिंग मशीनें लगी होंगी. बुजुर्गों के लिए बैटरीचालित मोट्रर ट्राली का इंतजाम होगा. वहीं एंट्री गेट पर ट्रेन शेड्यूल डिस्प्ले बोर्ड की काफी बेहतरीन और विशाल होगा. इसके बनाने में 712 करोड़ रुपये की लागत आएगी. एनसीआर के जनसंपर्क विभाग के बड़े अधिकारी यानी सीपीआरओ (CPRO) डा. शिवम शर्मा के मुताबिक कानपुर सेंट्रल के रीडेवलपमेंट के लिए 31 अक्तूबर को टेंडर खुलेंगे. दो साल के भीतर सारा काम पूरा हो जाएगा. कानपुर सेंट्रल पर विश्वस्तरीय स्टेशनों जैसी सुविधाएं होंगी.
साल 2022-23 के बजट में पीएम मोदी (PM Modi) की अगुवाई वाली सरकार ने कानपुर और प्रयागराज समेत कुछ रेलवे स्टेशनों के रेनोवेशन के लिए 12000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था. जिसके बाद से ही भारतीय रेलवे, उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश तक समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्टेशनों का नवीनीकरण करवा रहा है. इसी मुहिम के तहत कुछ समय पहले पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway) ने भोपाल रेलवे स्टेशन (Bhopal Railway Station) के मेकओवर का काम दिखाते हुए 'तब और अब' यानी नई और पुरानी तस्वीरों का कोलाज पोस्ट किया था.
आपको बता दें कि कानपुर का रेलवे स्टेशन अंग्रेजों ने 94 साल पहले 20 लाख रुपये की लागत से बनवाया था. इसका काम मार्च 1928 में शुरू होकर दो साल यानी मार्च 1930 में पूरा हुआ. अब नए डिजाइन में बदलने के बाद सबसे पहले लोग इसके इसी पुराने लोग को अपनी यादों में सजो लेंगे.
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