Ujjain Rape Case: मध्यप्रदेश के उज्जैन में 12 साल की बच्ची के साथ हुई हैवानियत के मामले ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. वहीं, एक पुलिस ने पीड़ित बच्ची के शिक्षा, शादी के साथ-साथ चिकित्सा खर्च की जिम्मेदारी उठाकर मानवता का बड़ा उदाहरण पेश किया है.
Trending Photos
Ujjain Rape Case: मध्यप्रदेश के उज्जैन में 12 साल की बच्ची के साथ हुई हैवानियत के मामले ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. वहीं, एक पुलिस ने पीड़ित बच्ची के शिक्षा, शादी के साथ-साथ चिकित्सा खर्च की जिम्मेदारी उठाकर मानवता का बड़ा उदाहरण पेश किया है.
मामले के जांच अधिकारी और महाकाल पुलिस स्टेशन प्रभारी अजय वर्मा ने कहा कि मैं लड़की के इलाज, शिक्षा और उसकी शादी का ख्याल रखूंगा. इस पहल के लिए कई अन्य लोग भी आगे आये हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी जिम्मेदारियां जल्द ही पूरी हो जायेंगी. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, मैं उसे आगे के इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भी भर्ती कराऊंगा.
वर्मा ने कहा, "मैं हमेशा समाज को वैसा ही वापस लौटाने की कोशिश करता हूं जैसा उसने मुझे बनाया है." 25 सितंबर को, परेशान करने वाले सीसीटीवी फुटेज में एक 12 वर्षीय लड़की, अर्ध-नग्न, खून से सने कपड़े में लिपटी हुई सड़क पर मदद की गुहार लगा रही थी. वो घर-घर जाकर गुहार लगा रही थी और लोग उसे भगा रहे थे.
#WATCH | Ujjain minor rape case | Station In-charge of Mahakal Police Station, Ajay Verma, says, "I have taken the responsibility to help the girl with medical treatment, education, and marriage... Many people have come forward to support me in this resolution... I believe that… pic.twitter.com/ijUDZqG1Gz
— ANI (@ANI) September 29, 2023
बाद में एक पुजारी ने लड़की को बचाया और उसे अस्पताल ले गया जहां पता चला कि बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था. फिर उसे उज्जैन के दांडी आश्रम के पास छोड़ दिया गया था. ये खौफनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और आगे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.
बाद में, प्रारंभिक जांच के दौरान एकत्र किए गए सभी सबूतों के आधार पर, पुलिस ने राकेश मालवीय नामक एक ऑटोरिक्शा चालक को गिरफ्तार किया. आरोपी पर सबूत छिपाने का आरोप लगाया गया है. गुरुवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी उज्जैन निवासी भरत सोनी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और POCSO अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
अब आपको बताते हैं पुलिस अधिकारी अजय वर्मा के बारे में जिन्होंने पीड़िता के खर्च का जिम्मा उठाने की पेशकश की है. बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि अजय वर्मा किसी नेक काम के लिए आगे आए हैं. वह अपने धर्मार्थ कार्यों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने एक बार एक मुस्लिम लड़की की शादी का आयोजन किया था.
अजय वर्मा को इस नेक काम के लिए अब तक उनके कुछ दोस्त 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दे चुके हैं. लड़की की मदद के लिए 2 लाख रु. एक अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने भी उसकी शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति देने में रुचि दिखाई है. अजय वर्मा उस लड़की को गोद लेना चाहते हैं, यदि उसका परिवार अनुमति दे. वह उसे कानूनी रूप से अपनाने के लिए आवश्यक सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि उन्हें इन सभी जिम्मेदारियों को निभाने में बहुत खुशी होगी और अगर उनका परिवार सहमत होगा तो वह उन्हें कानूनी तौर पर गोद ले लेंगे. उन्होंने कहा, "लेकिन फिलहाल, इस बेटी की हरसंभव मदद करना ज्यादा महत्वपूर्ण है."
(एजेंसी इनपुट के साथ)