President Election 2022: जिस तरह से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को शिकस्त दी, उससे उनकी ताकत बढ़ गई थी और वह विपक्ष की एक मजबूत नेता बनकर सामने आ रही थीं.
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President Election: राष्ट्रपति के चुनाव के लिए उम्मीदवार ढूंढना विपक्ष के लिए सिरदर्द बन गया है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के ऑफर ठुकराने के बाद विपक्ष को उम्मीदवार की तलाश है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष को एकजुट करने के लिए 15 जून को दिल्ली में बैठक बुलाई थी. हालांकि मीटिंग के बाद शरद पवार उम्मीदवारी से पीछे हट गए. उन्होंने साफ कर दिया कि वह उम्मीदवार नहीं होंगे. शरद पवार के इंकार के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम सामने आया था. वह भी उम्मीदवार बनने को राजी नहीं हैं.
इन दोनों नेताओं के मना करने के बाद ममता बनर्जी की नजरें गोपालकृष्ण गांधी पर टिकी थीं. ममता को बड़ा झटका देते हुए गोपालकृष्ण गांधी भी सोमवार को उम्मीदवारी से पीछे हट गए. इन तीनों नेताओं का मना करना ममता के लिए बड़ा झटका है.
दरअसल, जिस तरह से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को शिकस्त दी, उससे उनकी ताकत बढ़ गई थी और वह विपक्ष की एक मजबूत नेता बनकर सामने आ रही थीं.
ममता ने इसी ओर कदम बढ़ाते हुए उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्ष की बैठक बुलाईं. मीटिंग के बाद अब जिस तरह की तस्वीरें नजर आ रही हैं उससे राष्ट्रीय नेता बनने की उनकी कोशिशों को झटका लगा है.
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ममता की बैठक के करीब एक हफ्ते बाद एनसीपी शरद पवार ने आज यानी मंगलवार को बैठक बुलाई है. पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जगह उनके भतीजे और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे. ममता की कोशिश नाकाम होने के बाद विपक्ष की ओर से शरद पवार बैटिंग कर रहे हैं. देखना होगा आज होने वाली बैठक से क्या नतीजा निकलता है.
आज होने वाली शरद पवार की बैठक में टीएमसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखा जा सकता है. तृणमूल कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "राष्ट्रपति चुनाव के लिए संभावित विपक्षी उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव करने के लिए कुछ दलों से प्रस्ताव आए हैं. हालांकि, सब कुछ मंगलवार की बैठक की कार्यवाही पर निर्भर करेगा और बैठक में अन्य दलों द्वारा सुझाए गए नामों पर निर्भर करेगा."
कांग्रेस किसी उम्मीदवार को आगे नहीं कर रही है, जो भी विपक्षी दल मिलकर पसंद करेंगे, कांग्रेस उसी उम्मीदवार को अपना समर्थन देगी. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 15 जून को ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में यह बात कही कि विधानसभा चुनाव में कई पार्टियां एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं, लेकिन यह चुनाव बहुत अधिक मूल्यवान है, हम एक बड़े उद्देश्य के लिए यहां आए है और इस भावना को जारी रहने दें.
कांग्रेस के पीछे हटने का कारण विपक्षी एकता है, क्योंकि टीआरएस जैसी पार्टियों ने साफतौर पर कहा है कि वे कांग्रेस के साथ कोई बैठक नहीं करेंगे. सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को होने वाली बैठक में 17 दल शामिल होंगे.
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यशवंत सिन्हा 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी. उन्हें पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.