Ajmer Dargah News: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता पर जानलेवा हमला, बदमाशों ने की फायरिंग
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Ajmer Dargah News: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता पर जानलेवा हमला, बदमाशों ने की फायरिंग

Ajmer Dargah News: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता को लगातार जानलेवा धमकियां मिल रही है. आज सुबह उन पर फायरिंग भी हुई.

 

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Ajmer Dargah News: सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर स्थित दरगाह में शिव मंदिर होने की बात करने वाले विष्णु गुप्ता की जान पर लगातार खतरा मंडरा रहा है.  धमकियां मिलने के बाद शनिवार सुबह उन पर हमला हो गया. वे अजमेर से दिल्ली के लिए निकले थे. इसी दौरान गगवाना लाडपुरा पुलिया पर दो अज्ञात बदमाशों ने उन पर गोलीबारी कर दी.

इस हमले में विष्णु गुप्ता बाल-बाल बच गए. उन्हें किसी भी प्रकार की कोई चोट नहीं आई है. फायरिंग के तुरंत बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस को फोन लगाकर घटना की पूरी सूचना दी.  सूचना मिलते ही तुरंत एक्शन लेते हुए गेगल और सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची.

पुलिस के बाद वारदात की जानकारी विष्णु गुप्ता ने मीडिया को भी दी. उन्होंने एक फोटो भी साझा की है.  फोटो में उनकी कार पर लगी गोली के निशान साफ देखा जा सकता हैं. विष्णु गुप्ता पहले ही कोर्ट को लिखित में अर्जी दे चुके हैं. इस अर्जी में उन्होंने बताया है कि उनकी जान को खतरा है. 

इस हमले पहले भी विष्णु को कई बार जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है. इसी के चलते कल कोर्ट में जब सुनवाई हो रही थी, तो उन्होंने जज से अनुरोध कर चुनिंदा लोगों को ही एंट्री देनी की बात कही थी, जिसके बाद कम लोगों को ही एंट्री दी गई थी. लेकिन आज दो अज्ञात बदमाशों ने उनकी कार पर गोलियां चला दीं.

बता दें कि विष्णु गुप्ता हिंदू सेना के अध्यक्ष हैं. उन्होंने ही अदालत में याचिका दाखिल की थी और दावा किया है कि दरगाह वाले स्थान पर एक शिव मंदिर था.  इस मंदिर का पता लगाने के लिए सर्वे होना चाहिए. शुक्रवार सुबह इस मामले पर मनमोहन चंदेल की अदालत में सुनवाई हुई. 

कोर्ट में गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि 1961 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में साफ कहा गया है कि दरगाह पूजा करने की जगह नहीं है. वहां खादिमों का अधिकार नहीं है. वहीं जो लोग खुद को ख्वाजा साहब का वंशज बताते हैं, उनका भी कोई सबूत या साक्ष्य नहीं है. यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है.

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