राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर स्थानीय प्रताप ऑडिटोरियम में रानी लक्ष्मीबाई मार्शल आर्ट एकेडमी के अंतर्गत खेल प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में बबीता फोगाट और साक्षी मलिक ने शिरकत की. एकेडमी की ओर से मेहमानों का परंपरा के अनुसार आयोजनकर्ता पायल सैनी के जरिए स्वागत किया गया.
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Alwar: राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर स्थानीय प्रताप ऑडिटोरियम में रानी लक्ष्मीबाई मार्शल आर्ट एकेडमी के अंतर्गत खेल प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में बबीता फोगाट और साक्षी मलिक ने शिरकत की. एकेडमी की ओर से मेहमानों का परंपरा के अनुसार आयोजनकर्ता पायल सैनी के जरिए स्वागत किया गया.
समारोह में शिरकत के बाद ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट बबीता फोगाट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, राष्ट्रमंडल खेलों का परिणाम पूरे देश में खिलाड़ियों को एक प्रेरणा देगा. खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत के बलबूते पर कुछ कर दिखाकर अपने माता-पिता की सोच भी बदली है . उन्होंने कहा एक समय था जब यह कहावत पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब ,खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब काफी प्रसिद्ध थी लेकिन अब यह धारणा बदलती हुई दिखाई दे रही है. अब खेलों में भी युवा अपना भविष्य बना सकते हैं और बना भी रहे है.
इसके साथ ही फोगाट ने लड़कियों के लिए संदेश देते हुए कहा लड़कियों को अधिक रूप से मानसिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता है. अपने को फिट रखने की आवश्यकता है. इसके साथ ही
युवाओं को संदेश देते हुए फौगाट ने कहा कि, युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए अगर युवाओं को नशा ही करना है तो खेल का करें जिससे बीमारी होगी तो भी सफलता मिलेगी.
इसके साथ कार्यक्रम में शामिल हुई कॉमनवेल्थ खेलों की गोल्ड मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कहा कि, आज के समय में बेटियों ने अपने दम पर माता-पिता की मानसिकता बदली है. मलिक ने खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए ग्रामीण स्तर पर राजस्थान सरकार के जरिए आयोजित की जाने वाली खेल प्रतियोगिता की सराहना की. साथ ही कहा कॉमनवेल्थ के बाद अब उनका अगला टार्गेट देश के लिए आगे एशियन गेम और ओलंपिक गेम है.
कार्यक्रम में जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर , पूर्व विधायक ज्ञानदेंव आहूजा व आइटीबीटी के अधिकारी और जवान भी मौजूद रहें. इसके साथ ही कार्यक्रम में खेलो में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालो का सम्मान भी किया गया. इस दौरान कवि विनीत चौहान ने भी अपनी कविता से ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.