राजस्थान के भिवाड़ी के खुशखेड़ा थाना अंतर्गत एक चार माह की गर्भवती विवाहिता की मौत का मामला सामने आया है. वहीं मृतका के शव को भिवाड़ी जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.
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Alwar News: भिवाड़ी के खुशखेड़ा थाना अंतर्गत एक चार माह की गर्भवती विवाहिता की मौत का मामला सामने आया है. वहीं मृतका के शव को भिवाड़ी जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.
मृतका अपने पति कमलेश और अपने चार साल के बच्चे के साथ बूढ़ी बावल में रहती थी. पूरे मामले में बूढ़ी बावल में ही स्थित एक झोलाछाप डॉक्टर की भूमिका भी सामने आई है. मृतका के पति कमलेश ने बताया की उसकी पत्नी सुशीला के दस्त लगने पर वो उसे बूढ़ी बावल में ही शर्मा मेडिकल स्टोर पर लेकर गया गया.
मेडिकल स्टोर के अंदर ही खुद को डॉक्टर कहने वाले संदीप ने उसकी पत्नी को ड्रिप लगाई और इंजेक्शन लगाए, कुछ देर बाद उसकी पत्नी को घर भेज दिया गया. रात में तबियत ज्यादा खराब होने पर उसे भिवाड़ी के निजी अस्पताल लेकर जाया गया. जहां से डॉक्टरों ने उसे अलवर रैफर कर दिया. जहां रास्ते में ही विवाहिता ने दम तोड़ दिया, वहीं महिला के शव की जानकारी खुशखेड़ा थाना पुलिस को दी गई, खुशखेड़ा थाना पुलिस ने लिखित में शिकायत लेकर जानकारी जुटाई जा रही है.
बता दें कि झोलाछाप डॉक्टर द्वारा धड़ल्ले से बिना पंजीयन के क्लिनिक खोल मरीजों का इलाज करते है वहीं बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का अवैध रूप से बिक्री भी करते है. रेसीडेंस के साथ क्लिनिक होने के कारण घरों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है. इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है. ऐसे में इनके यहां मरीजों की अच्छी तादाद देखी जा रही है. झोलाछाप डॉक्टरों के यहां मरीजों की लाइन लगी हुई हैं. गर्मी व तपन बढ़ने के कारण इन दिनों उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा देखने को मिल रही है. झोलाछाप इन मर्जों का इलाज ग्लूकोज की बोतलें लगाने से शुरू करते हैं. इनके यहां एक बोतल चढ़ाने के लिए इनकी फीस 100 से 200 रुपए तक होती है.