Alwar News:राजस्थान के कठूमर उपखंड क्षेत्र के गांव तसई में गुरुवार को भगवान विष्णु की तीन फीट काले पाषाण की प्राचीन मूर्ति निकलने पर आस पास के हजारों लोग दर्शन को उमड पड़े.
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Alwar News:राजस्थान के कठूमर उपखंड क्षेत्र के गांव तसई में गुरुवार को भगवान विष्णु की तीन फीट काले पाषाण की प्राचीन मूर्ति निकलने पर आस पास के हजारों लोग दर्शन को उमड पड़े.
तसई सरपंच मुकेश सिंह चौहान ने बताया कि ब्राह्मण समाज के द्वारा सती मंदिर की पुजा सेवा की जाती. उसके पास एक प्राचीन टीला था. उस की करीब एक माह पूर्व खुदाई की गई. टीले से निकाली गई मिट्टी एक प्लॉट पर डाली गई.
गुरुवार को जब ट्रैक्टर से मिट्टी को समतल कराने का काम चल रहा था कि अचानक ट्रैक्टर मिट्टी में दबे पत्थर से टकरा गया. उस प्लॉट के मालिकों ने फावड़े आदि से मिट्टी हटाई. तो वहां एक मूर्ति दिखाई दी. इसके बाद अनेक लोगों ने मूर्ति को उठाकर सीधा किया तो भगवान विष्णु की मूर्ति निकली. मूर्ति निकलने की सूचना पर लोग इकट्ठे होकर मूर्ति के दर्शन को आने लगे. प्रशासन को सूचना दे दी गई है.
सूचना पर शुक्रवार को तहसीलदार राजेंद्र कुमार यादव तसई पहुंचे. मूर्ति के समक्ष पहुंचकर जूते उतार कर प्रणाम किया और क्षेत्र में सुख शांति की कामना की और मौजूद लोगों से मूर्ति के बारे में गहनता से जानकारी एकत्रित की. लोगों के बीच में विष्णु भगवान के जय घोष करते हुए तहसीलदार ने कहा यह क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है.
ग्रामीणों ने बताया की मूर्ति के पास में एक काला नाग भी आया था .जो मूर्ति के आसपास चक्कर लगाकर बगैर किसी को नुकसान किया चला गया. साथ ही मूर्ति के पास में एक टिटहरी पक्षी ने चार अंडे दिए है. जिस पर पक्षी बेफिक्र होकर बैठा हुआ है. सैकड़ो लोगों का आना-जाना बना हुआ है. लेकिन बगैर भय के पक्षी भी बैठा हुआ है और कहा कि मूर्ति के संबंध में पुरातत्व विभाग को सूचना देकर वास्तविकता सामने आने पर ही आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
वहीं अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय सचिव लक्ष्मीकांत तिवारी जो कि दिल्ली से अपने गांव जा रहे थे. सूचना पर तसई पहुंचे मूर्ति के दर्शन कर लोगों से जानकारी एकत्रित कर संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया.
इधर बुजुर्ग भूमिगत शर्मा ने बताया कि तसई गांव प्राचीन है और आज भी गांव में कई जगह ऊंचे टीले है. बताया जाता है कि करीब पन्द्रहवीं शताब्दी में एक ऊंचे टीले पर तानहौरी गांव बसाया गया. अब तसई गांव के नाम से जाना जाता है. तसई में अति प्राचीन शिव मंदिर भी खुदाई में मिले. 1968 में भी अनेक दुर्लभ मूर्तियां खुदाई में मिली. उसे पातालेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता हैं.
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