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Rajasthan News: जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष बनकर इतिहास रच चुके रविंद्र सिंह भाटी अब बीजेपी में शामिल हो गए है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसको लेकर लंबे समय से प्रयास भी कर चुके थे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी पिछले 3 महीनों से रविंद्र सिंह भाटी के चुनाव प्रचार और पश्चिम राजस्थान में उनकी संभावनाओं पर नजर बनाए हुए थे.
बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से चुनावी तैयारी कर रहे रविंद्रसिंह भाटी की बीजेपी में एंट्री से पश्चिमी राजस्थान में बीजेपी को बड़ा फायदा होगा. भाटी की 18-35 साल के आयुवर्ग के युवाओं में अच्छी पकड़ है. भाटी ऐसे चेहरे भी है जिनको मुस्लिम युवाओं का भी अच्छा समर्थन हासिल है.
मारवाड़ की सियासत के लिए जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी नेताओं की खान कहलाता है. इस यूनिवर्सिटी ने ना सिर्फ मारवाड़ बल्कि पूरे राजस्थान को कई बड़े नेता दिए. जिनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम प्रमुख है. अब रविंद्रसिंह भाटी तीसरा नाम है जो प्रदेश की सियासत में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हो रहा है.
दरअसल जय नारायण विश्वविद्यालय के पहले निर्दलीय छात्र संघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भाजपा का दामन थाम लिया. रविंद्र भाटी मारवाड़ के उभरते हुए युवा नेता हैं और पिछले दिनों उन्होंने अपनी युवा शक्ति का एहसास भी सभी दलों को करवा दिया था. रविंद्र भाटी शिव विधानसभा क्षेत्र से टिकट की देवदारी जता रहे हैं.
भाटी की बीजेपी में एंट्री की लंबे समय से चर्चाएं थी. ज्योति मिर्धा जैसे नेताओं ने जब बीजेपी ज्वाइन की तब भी आम लोगों के बीच ये सवाल चर्चा में था कि क्या भाटी बीजेपी का दामन थामेंगे. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के भीतर केंद्रीय मंत्री और गजेंद्र सिंह शेखावत ने भाटी के लिए जमीन तैयार की और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने इसमें साथ दिया.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व पहले से ही भाटी के नाम पर कई सर्वे करा चुका है. शिव में जनसंवाद यात्रा के बाद रविंद्र सिंह भाटी को मिले समर्थन से बीजेपी प्रदेश नेतृत्व समझ चुका था कि बिना भाटी के साथ के शिव में कमल नहीं खिल सकता है. राजपूत बाहुल्य क्षेत्र में कई स्तर के फीडबैक और रिपोर्ट के बाद भाटी की बीजेपी में एंट्री का रास्ता साफ हुआ.
आपको बता दें कि साल 2019 में रविंद्र भाटी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन एबीवीपी ने टिकट किसी और को दे दिया. इसके बाद रविंद्र भाटी ने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी. इस चुनाव ने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय का इतिहास बदल कर रख दिया. JNVU में पहली बार किसी ने निर्दलीय ही जीत हासिल की. भाटी ने छात्रों के मुद्दों पर प्रदेश स्तर का आंदोलन खड़ा किया और विधानसभा का घेराव भी किया.
आपको बता दें कि राजपूत परिवार में जन्मे रविंद्र भाटी का जन्म बाड़मेर जिले के गड़रारोड पंचायत समिति के दुधोड़ा गांव में हुआ. रविंद्र सिंह के पिता शैतान सिंह भाटी एक शिक्षक हैं जबकि उनकी मां अशोक कवर एक ग्रहणी है. भाटी की पत्नी धनिष्ठा ग्रहणी है. भाटी ने उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक किया तो वहीं जोधपुर के जय नारायण विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है.
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