बाड़मेर न्यूज: तेल उत्खनन क्षेत्र की कंपनियां स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दे रही हैं. इसी वजह से सड़कों पर किसान और स्थानीय लोग उतर गए हैं.रोजगार की मांग करने वाले किसानों व स्थानीय लोगों को कंपनी बाहर से गुंडे व पुलिस को बुलाकर धमकाती है.
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Barmer: लोगों को सुनहरे भविष्य के सपने दिखाकर जमीन अवाप्त करने वाली तेल उत्खनन क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियां स्थानीय लोगों को रोजगार देने के वादे से मुकर गई है. जिसके बाद जमीन अवाप्ति प्रभावित किसान व स्थानीय लोग कंपनियों के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं और मंगला टर्मिनल प्रोसेसिंग के आगे धरने पर बैठ गए हैं.
गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बाड़मेर जिला मुख्यालय पहुंचे जहां पर जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर तेल उत्खनन क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में स्थानीय लोगों व भूमि अवाप्ति प्रभावित किसानों को वरीयता देकर रोजगार देने की मांग की.
रोजगार की मांग कर रहे किसानों का कहना है कि केयर्न वेदांता के अधीन काम करने वाली ऑफशोर,ओसवाल, सलम्बजर, मेगा इंजीनियरिंग व एस मार्क कंपनियां स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दे रही है. रोजगार की मांग करने वाले किसानों व स्थानीय लोगों को कंपनी बाहर से गुंडे व पुलिस को बुलाकर धमकाती है. कंपनी ने कई किसानों व स्थानीय लोगों के खिलाफ पुलिस ने झूठे मामले दर्ज करवा दिए हैं.
तेल निकालने वाली कंपनियां लगातार जमीन में विस्फोटक सामग्री से ब्लास्ट कर रही है जिसके कारण घरों में दरारें आ गई है. पानी के टांके क्षतिग्रस्त हो गए हैं तेल उत्खनन क्षेत्र के आसपास के कृषि हुए भी धंस गए हैं. स्थानीय लोग परेशान है लेकिन कंपनी के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है ऐसे में किसानों व स्थानीय लोगों ने मंगला टर्मिनल प्रोसेसिंग सहित तेल उत्खनन क्षेत्र की विभिन्न साइड पर धरना प्रदर्शन शुरू किया है. समय रहते अगर तेल कंपनियों ने स्थानीय लोगों को रोजगार सहित सीएसआर फंड का पैसा संबंधित ग्राम पंचायतों के विकास में खर्च नहीं करती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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