Mob lynching : हद ये की डीएसपी के ऑफिस और सिटी चौकी से कुछ दूरी पर भीड़ का ये खेल चल रहा था, लेकिन किसी ने उसको बचाने की कोशिश नहीं की.
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Mob lynching : भरतपुर के कामां कस्बे में कल देर रात्रि को एक चोर दुकानदारों, व्यापारियों और भीड़ के हत्थे चढ़ गया. इस चोर को सबने मिलकर इतना पीटा की उसकी जान पर बन आई. उसने जान बचाने के लिये अपने आधार कार्ड को दिखाकर अपना नाम बताया और ये भी बताया कि वो दिल्ली के संगम विहार का रहने वाला है.
चोर ने बताया कि वो चोरी की नीयत से ही यहां पर आया था और अबसे पहले उसने जो चोरी कामां कस्बे में की हैं उनका भी खुलासा कर बताया कि उसने कहां पर पूर्व में की गई चोरियों का समान बेचा है ,तब जाकर उसको पुलिस को सौपा गया ? हैरानी की बात ये रही कि दुकानदारों और व्यापारियों की भीड़ कानून को धता बताते हुए, एक दुकान के अंदर शटर बन्द कर इसको पीटती रही और दुकान के बाहर खड़ी पुलिस तमाशबीन बनी रही.
डीएसपी के ऑफिस और सिटी चौकी से कुछ दूरी पर भीड़ का ये खेल चल रहा था, लेकिन किसी ने उसको बचाने की कोशिश नहीं की. व्यापारी और दुकानदार पहले उसे दूसरे धर्म का व्यक्ति समझकर उसके साथ बेरहमी से पिटाई कर रहे थे, लेकिन जब उसने अपना आधार कार्ड दिखाकर खुद का नाम राहुल बताया तो कुछ नरमी बरते हुए, उसको पुलिस को सौंप दिया गया.
व्यापारियों और दुकानदारों की दी गई थर्ड डिग्री का अब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस को तुरंत एक्शन लेने का सख्त निर्देश दें. फिर 100 मीटर की दूरी पर बैठे कामां पुलिस उपाधीक्षक ने अपने दफ्तर से निकलकर, इस भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की ? अब कैमरे पर पुलिस का कोई भी अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
दरअसल कामां कस्बे में किराना और परचून की दो दुकानों में लगातार चार बार चोरी हुई, चोर को सीसीटीवी फुटेज में देखा भी गया, मुकदमा भी दर्ज हुआ. लेकिन पुलिस के हाथ चोर की गिरेबान तक नही पहुंच पाए. ऐसे में पुलिस से बेफिक्र चोर फिर से चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली से कामां कस्बे पहुंच गया. उसी बाजार में जहां उसने पहले से 4 बार चोरी की थी, सीसीटीवी में चोर की शक्ल को पहचान चुके. दुकानदार और व्यापारियों ने भीड़ के साथ चोर को दबोच लिया और फिर उसे थर्ड डिग्री दे सच उगलवा लिया.
रिपोर्टर- देवेंद्र सिंह
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