बुरा न मानो... आबकारी विभाग मदहोश है! सरकारी स्कूल के पास धड़ल्ले से बिक रही शराब, सुनवाई नहीं
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बुरा न मानो... आबकारी विभाग मदहोश है! सरकारी स्कूल के पास धड़ल्ले से बिक रही शराब, सुनवाई नहीं

Rajasthan News: भरतपुर के बयाना में आबकारी विभाग ने गजब कारनामा कर दिया है. शराब की दुकान पक्के निर्माण में ही स्वीकृत की जा सकती है, लेकिन यहां विभाग ने एक लोहे के कंटेनर को ही पक्की दुकान मानकर शराब की दुकान संचालित करने की स्वीकृति दे दी है. बड़ी बात यह है कि इस कंटेनर के 135 मीटर के दायरे में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भी है, जहां की छात्राएं शराबियों के चलते रोज शर्मसार हो रही हैं. जानिए, क्या है पूरा मामला...

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Rajasthan News: बयाना का जहांगीर गेट जो कि एक धरोहर स्मारक है, उसके महज 200 मीटर के दायरे में आबकारी विभाग ने एक शराब दुकान संचालित करने की स्वीकृति दे दी है. बयाना पंचायत समिति तिराहा के नाम से स्वीकृत शराब दुकान की लोकेशन 10 जनवरी 2025 को स्वीकृत की गई है। लेकिन जिला आबकारी अधिकारी किस तरह खुद ही विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, यह लोकेशन स्वीकृति के आदेश से समझा जा सकता है. 

आबकारी नीति के नियमों के मुताबिक, केवल पक्के निर्माण की दुकान में ही शराब दुकान की लोकेशन स्वीकृत की जा सकती है, लेकिन यहां जिला आबकारी अधिकारी ने बगैर भौतिक परीक्षण के ही लोहे के एक कंटेनर को पक्की दुकान अज्यूम कर लिया है. इस कंटेनर की चौड़ाई मात्र 8 फीट है. अब लाइसेंसी विकास शिवहरे द्वारा कंटेनर से ही दुकान संचालित की जा रही है. सुबह से शाम तक शराबियों का जमावड़ा कंटेनर के आगे लगा रहता है. बड़ी बात यह है कि कंटेनर भी नगरपालिका मंडल बयाना की भूमि पर रखा हुआ है. कंटेनर मालिक जगदीश प्रसाद का इस मामले में कोर्ट में विवाद चल रहा है. ऐसी विवादास्पद स्थिति में भी आबकारी विभाग के अधिकारियों ने दुकान स्वीकृत कर दी है.

शराब दुकान पर सवाल इसलिए ?
9 मई 2024 को नगर पालिका मंडल बयाना ने आबकारी विभाग को पत्र लिखा और आपत्ति जताई कि राष्ट्रीय धरोहर जहांगीर गेट के 200 मीटर की सीमा में कंटेनर है. उस समय लाइसेंसी सुनीता के नाम से विभाग ने कंटेनर स्वीकृत किया था. नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी ने लिखा, हाईकोर्ट में भूमि विवाद है. 8 मई 2024 को ही राजकीय हाईस्कूल के प्रिंसिपल ने भी डीईओ को पत्र लिखा. पत्र में लिखा कि शराब ठेका कंटेनर की विद्यालय से मात्र 130 मीटर की दूरी है. नियम यह है कि विद्यालय से 200 मीटर से अधिक दूरी पर ही दुकान स्वीकृत कर सकते है. 20 जून को नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी ने फिर आबकारी विभाग को पत्र लिखा. पत्र में लिखा कि राजकीय विद्यालय से मात्र 135 मीटर की दूरी पर शराब दुकान है. अत: यहां शराब दुकान संचालन की स्वीकृति को रोका जाए. 30 जून 2024 को यहां से दुकान हटा दी गई. 

जी मीडिया ने जब दुकान की स्वीकृति को लेकर जिला आबकारी अधिकारी हरीश रोलन से पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि विद्यालय से दूरी का परीक्षण कराकर ही दुकान स्वीकृत की गई है. जब उनसे पूछा कि क्या लोहे के कंटेनर में दुकान संचालन की स्वीकृति दी जा सकती है, तो बोले कि राजस्थान में कई जगह ऐसा हो रहा है. लेकिन वे इस बात का जवाब नहीं दे सके कि नियमों में लोहे के कंटेनर में शराब दुकान संचालित करना संभव नहीं है. बड़ी बात यह भी है कि 10 जनवरी को यहां कंटेनर में दुकान संचालन की स्वीकृति दिए जाने के बाद से ही यहां पर सुबह से शाम तक शराबियों का जमावड़ा रहता है. जिससे स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को यहां से सिर झुकाकर निकलना पड़ता है. वहीं स्थानीय लोगों ने शराबियों द्वारा छात्राओं से फब्तियां कसने की भी शिकायत की है. देखना होगा कि क्या आबकारी आयुक्त शिवप्रसाद नकाते जिला आबकारी अधिकारी हरीश रोलन के नियम विरुद्ध स्वीकृत की गई लोकेशन के इस निर्णय की समीक्षा करेंगे ?

रिपोर्टर- काशीराम चौधरी

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