चर्चाओं में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध, भरतपुर प्रशासन और सरकार पर साधा निशाना
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चर्चाओं में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध, भरतपुर प्रशासन और सरकार पर साधा निशाना

अनिरुद्ध सिंह ने राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि भ्रम हम नहीं, वह फैला रहे हैं. ऐतिहासिक विरासतों को समाप्त किया जा रहा है. जिला प्रशासन गूंगा बहरा है, जो किसी की सुनता नही हैं. सिर्फ राजनेताओं के इशारे पर काम करता है.

चर्चाओं में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध, भरतपुर प्रशासन और सरकार पर साधा निशाना

Bharatpur: कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह एक बार फिर चर्चाओं में हैं. इस बार उन्होंने राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 

अनिरुद्ध सिंह ने राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि भ्रम हम नहीं, वह फैला रहे हैं. ऐतिहासिक विरासतों को समाप्त किया जा रहा है. जिला प्रशासन गूंगा बहरा है, जो किसी की सुनता नही हैं. सिर्फ राजनेताओं के इशारे पर काम करता है.

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दरअसल, भरतपुर के ऐतिहासिक नुमाइश मैदान की जमीन को जिला प्रशासन ने पशु पालन विभाग से लेकर पशु विज्ञान महाविद्यालय खोलने के लिए आवंटित कर दिया है, जिस पर भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अनिरुद्ध सिंह ने ट्वीट कर इसे भरतपुर की ऐतिहासिक विरासत को समाप्त करने की कोशिश बताते हुए निशाना साधा था लेकिन उनके ट्वीट के बाद जब राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने ट्वीट कर कह दिया कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं. इस पर अनिरुद्ध सिंह ने प्रेस वार्ता आयोजित कर कड़ी प्रतिक्रिया दी और जिला प्रशासन और सरकार पर निशाना साधा.

प्रेस वार्ता में अनिरुद्ध सिंह ने भरतपुर के ऐतिहासिक जसवंत प्रदर्शनी पशु मेला को लेकर प्रशासन को गूंगा बहरा यह एक प्रदर्शनी ग्राउंड है, जिसमें हर साल एक पशु मेला लगता है. जसवंत प्रदर्शनी में बाहर के राज्यों के भी लोग आते हैं. इस पशु मेले को बंद करवाकर उसकी जमीन पर वेटनरी कॉलेज खोलना चाहते हैं. यह 100 साल पुराने ऐतिहासिक चीज से छेड़छाड़ कर रहे हैं. जितने भी कॉलेज हैं, वह सिटी के बाहर खुलने चाहिए. जहां वेटनरी कॉलेज खोला जा रहा है, वह हिस्सा पुराने शहर का हिस्सा है. जसवंत प्रदर्शनी पशु मेला जिस जमीन पर लगता है, उसे आज 100 वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन राज्य सरकार और जिला प्रशासन मिलकर इस ऐतिहासिक जमीन पर पशु चिकित्सालय पशु विज्ञान महाविद्यालय निर्मित कराया जा रहा है जबकि ऐसे वेटरनरी कॉलेज के लिए कई अन्य जगह भी हैं.

मेडिकल कॉलेज का नामकरण महाराजा सूरजमल के नाम पर करने कि हम काफी समय से मांग कर रहे थे. राज्य सरकार के प्रतिनिधि और जिला प्रशासन हमेशा आश्वासन देता रहा लेकिन तुरंत कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर मेडिकल कॉलेज का नाम किसी अन्य के नाम रख दिया गया.

अनिरुद्ध सिंह ने एक्टिव राजनीति करने और चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि'' मैं सचिन पायलट का समर्थक हूं. मैं खुद की स्वतंत्र विचारधारा रखता हूं. इसलिए जो पार्टी अच्छा काम करती है, मैं उसकी तारीफ भी करता हूं. जहां तक विधानसभा चुनाव लड़ने की बात है तो इसका फैसला सचिन पायलट करेंगे. मेरी मां जो पूर्व भाजपा सांसद भी रह चुकी है इसलिए उनके भाजपा में भी संबंध है. यह फैसला मेरी मां करेंगी कि वह चुनाव लड़ती हैं या नहीं और यदि लड़ती है तो नदबई से या नगर से कहां से लड़ेंगे. यह फैसला वह खुद करेंगी.
गौरतलब है कि अनिरुद्ध सिंह ने काफी समय से अपने पिता कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है.

Reporter- Devendra Singh

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