PM मोदी के राजस्थान दौरे को BJP क्यों नहीं मान रही राजनीतिक यात्रा, क्या है इसकी वजह
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PM मोदी के राजस्थान दौरे को BJP क्यों नहीं मान रही राजनीतिक यात्रा, क्या है इसकी वजह

PM Modi Rajasthan Visit: प्रधानमंत्री मोदी भीलवाड़ा जिले में भगवान देवनारायण की जन्मस्थली आ रहे हैं. जानकारों का कहना है कि उनकी यह यात्रा 2023 के विधानसभा चुनावों को लेकर एक राजनीतिक यात्रा है, लेकिन बीजेपी इससे बचती दिख रही है.

 

PM मोदी के राजस्थान दौरे को BJP क्यों नहीं मान रही राजनीतिक यात्रा, क्या है इसकी वजह

Bhilwara, Asind: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भीलवाड़ा जिले के आसींद में भगवान देवनारायण की जन्मस्थली आ रहे हैं. पीएम यहां भगवान देवनारायण मंदिर के दर्शन करेंगे तो धर्म सभा को भी संबोधित करेंगे. पीएम मोदी के दौरे को वैसे तो धार्मिक यात्रा बताया जा रहा है लेकिन इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं, हालांकि बीजेपी सियासी मकसद से साफ इनकार कर रही है.

पीएम मोदी की सांस्कृतिक यात्रा का अगला पड़ाव 28 जनवरी की भीलवाड़ा में है. यहां आसींद का मालासेरी गांव पीएम मोदी के दौरे का साक्षी बनेगा जहां प्रधानमंत्री भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती के मौके पर आ रहे हैं. पीएम मोदी गुर्जरों के आराध्य देव भगवान देवनारायण के मंदिर के दर्शन करेंगे तो इसके बाद मेवाड़, हाडौती और मेरवाड़ा से लेकर डांग क्षेत्र तक से बड़ी तादाद में आने वाले लोगों को संबोधित भी करेंगे. गुर्जर समाज में पीएम मोदी के आने से उत्साह दिख रहा है. सभा के लिए ढाई लाख लोगों के बैठने की क्षमता वाला बड़ा पांडाल बनाया गया है. बताया जा रहा है कि इस दौरान पीएम मोदी मंदिर परिसर में पौधारोपण भी करेंगे. 

पीएम मोदी की इस यात्रा को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है. हालांकि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया इससे इंकार करते हैं. पुनिया कहते हैं कि प्रधानमंत्री के सांस्कृतिक और धार्मिक उद्देश्य से अलग-अलग कार्यक्रम देश के अलग-अलग हिस्सों में पिछले दिनों की हुए हैं. इस दौरे को भी धर्म सभा के रूप में ही देखा जाना चाहिए.

देवनारायण भगवान के मंदिर कमेटी के साथ ही केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय इस कार्यक्रम को आयोजित कर रहा है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है, कि पीएम नरेन्द्र मोदी यहां से देवनारायण कॉरिडोर का ऐलान कर गुर्जर वोट बैंक को साध सकते हैं. राजस्थान के साथ ही पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी गुर्जर समाज व्यापक तादाद में है. 

अब तक परंपरागत रूप से बीजेपी से जुड़ा रखने वाला समाज राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से छिटक गया था. सचिन पायलट के पीसीसी चीफ रहते हुए चुनाव में समाज के लोग पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा मानते थे और इस सोच के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस से जुड़े भी. लेकिन अब बदले हालात में गुर्जरों की नाराजगी का फायदा उठाने का प्रयास बीजेपी भी कर रही है और प्रधानमंत्री के दौरे को कुछ विश्लेषक इसी नजरिए से देख रहे हैं. 

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया इस दौरे को सोने पर सुहागा की संज्ञा देते हैं, तो वहीं राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने इससे पहले भी धर्म स्थलों के दौरे किए हैं. फिर चाहे वह आदिवासी समाज में मान्यता रखने वाला मानगढ़ धाम हो या फिर दक्षिण भारत में रामानुजाचार्य की प्रतिमा स्थापित करने का अवसर हो या फिर शंकराचार्य की जन्मस्थली का दौरा. हालांकि तिवाड़ी यह भी कहते हैं कि जहां भी पीएम जाते हैं, वहां लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जागृत होती है और पार्टी भी मजबूत होती है.

आमतौर पर कोई भी बड़ा नेता जब किसी प्रदेश का दौरा करता है, वहां बड़ी सभाओं को संबोधित करता है, तो उसे चुनावी राजनीति से जोड़कर देखा जाता है. ऐसे में किसी राज्य में चुनावी वर्ष चल रहा हो, तो इस पहलू को अनदेखा नहीं किया जा सकता अब भले ही बीजेपी इसे राजनीतिक दौरा नहीं मान रही हो, लेकिन समझा जा रहा है कि परोक्ष रूप से यह बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत है.

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