ऊंटों के महाकुंभ को देखने दुनिया भर से सैकड़ों सैलानी पहुंचे बीकानेर, जाने क्यों है खास
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ऊंटों के महाकुंभ को देखने दुनिया भर से सैकड़ों सैलानी पहुंचे बीकानेर, जाने क्यों है खास

Bikaner News : दो दशक से अधिक समय से बीकानेर में ऊँटों को लेकर फ़ेस्टिवल किया जाता रहा है जो हर साल जनवरी के महीने में पर्यटन विभाग ओर जिला प्रशासन द्वारा करवाया जाता है 

ऊंटों के महाकुंभ को देखने दुनिया भर से सैकड़ों सैलानी पहुंचे बीकानेर, जाने क्यों है खास

Bikaner News : पूरी दुनिया में कैमल को लेकर विख्यात बीकानेर में कल से कैमल फ़ेस्टिवल होने जा रहा है जहा फ़ेस्टिवल को लेकर पर्यटन विभाग,कलाकारो ओर जिला प्रशासन पूरे जोश में तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है ऐसे में इस बार का फ़ेस्टिवल पिछले कई सालो के फ़ेस्टिवल से ख़ास है ज़हा प्रशासन की ओर से इसे विशेष बनाने के लिए कुछ नए प्रयास भी किए जा रहे हैं तो वहीं देशी और विदेशी कलाकार भी अपने हुनर को दिखाने के लिए बेताब है.

रेगिस्तान के ठीक बीचो बीच बसा बीकानेर शहर अपनी कला संस्कृति , परम्परा खानपान के साथ साथ कैमल सिटी के नाम से भी जाना जाता है ऐसे में पिछले दो दशक से अधिक समय से बीकानेर में ऊँटों को लेकर फ़ेस्टिवल किया जाता रहा है जो हर साल जनवरी के महीने में पर्यटन विभाग ओर जिला प्रशासन द्वारा करवाया जाता है लेकिन इस बार फ़ेस्टिवल को भव्य रूप देने की तैयारियों है इसी कड़ी में कलाकार पिछले एक महीने से तैयारियों में जुटे है जहा इस बार राजस्थान की संस्कृति को दर्शाने वाले भव्य कटआउट बनाए जा रहे है जिसको लेकर विश्व विख्यात कलाकार मोना सरदार डुड़ी ओर महावीर रामावत जैसे कलाकारों को ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है तो वही देशी विदेशी सैलानियों को ऊँटों के हैरतअंगेज़ कारनामे भी देखने को मिलेंगे.

इस बार फ़ेस्टिवल में देशी कलाकारों के साथ साथी विदेशी कलाकार भी डेरा डाले हुए हैं जापान से आई मेगुमी पिछले एक महीने से दिनों से ऊंट के बालो की कटिंग से राजस्थानी लोक कला व संस्कृति की आकृतियां उकेर रही है. जो हर एक को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है 9 दिसंबर को भारत आयी मेगुमी सुबह से शाम तक मात्र कैंची से अलग अलग तरह की कलाकृतियां ऊंट के शरीर पर उकेर यहां की संस्कृति को आम लोगों के सामने पहुंचाने का प्रयास कर रही है.

इस बार अगर तीन दिन के कार्यक्रमों पर नज़र डाले तो कल लालगढ़ पैलेस से भव्य झांकी के साथ फ़ेस्टिवल की शुरुआत होगी, ओर पुराने शहर में कई रंगारंग कार्यक्रम रम्मत का भी आयोजन होगा वही 14 तारीख़ को ऊँटों के अद्भुत डांस ओर कारनामे देखने की मिलेंगे. वही 15 तारीख़ को भव्य आयोजन के साथ इसकी समाप्ति की जाएगी ऐसे में इस बार इस फ़ेस्टिवल को लेकर सभी में जोश नज़र आ रहा है. 

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