Bikaner News: राजस्थान के बीकानेर से बड़ी खबर सामने आ रही है. ऑपरेशन ब्लैक थंडर के तहत एक अवैध क्लीनिक और दो लैब सीज कर दिए गए हैं. वहीं दो प्राइवेट अस्पतालों को सुधार के लिए चेतावनी दी गई है. सीएमएचओ डॉ गुप्ता की श्रीडूंगरगढ़ में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं.
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Bikaner News: राज्य सरकार द्वारा संचालित ऑपरेशन ब्लैक थंडर के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता बड़ी कार्यवाई की है. उनके नेतृत्व में श्रीडूंगरगढ़ में ताबड़तोड़ कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया है, जिसमें एक अवैध रूप से संचालित क्लीनिक तथा दो डायग्नोस्टिक लैब को सीज किया गया है. वहीं दो बड़ी निजी अस्पतालों को सुधार की चेतावनी जारी की गई है.
ऑपरेशन ब्लैक थंडर
डॉ गुप्ता ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के निर्देशानुसार संचालित ऑपरेशन ब्लैक थंडर के अंतर्गत उपजिला अस्पताल श्रीडूंगरगढ़ के नजदीक ही हेल्थ केयर नाम से अवैध डॉक्टर चैंबर संचालित होने की शिकायत मिल रही थी. जैसे ही टीम क्लीनिक पहुंची यहां मरीज तो मिले पर चिकित्सक नदारद थे. मौके पर एक महिला को ड्रिप भी लगी हुई थी. काफी बुलाने के बाद भी तथाकथित चिकित्सक मौके पर नहीं आए तो सभी मरीजों को राजकीय अस्पताल में शिफ्ट कर फर्जी क्लीनिक को सीज कर दिया गया.
मिली कई खामियां
फर्जी क्लीनिक में किसी प्रकार का कोई पंजीकरण, बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण, चिकित्सक की डिग्री आदि कुछ भी उपलब्ध नहीं पाया गया. प्रैक्टिशनर को सीएमएचओ कार्यालय तलब किया गया है. आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध न होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी. टीम में पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण तथा ब्लॉक सीएमओ डॉ राजीव सोनी शामिल रहे. अस्पताल के नजदीक ही संचालित लैब में एक भी टेक्नीशियन डिग्री धारी व लाइसेंस धारी नहीं था ना ही लैब का बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन सर्टिफिकेट मिला.
क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट में पंजीकरण नहीं
इतना ही नहीं क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट में पंजीकरण भी नहीं था. लैब को तत्काल सीज कर दिया गया. इसी क्रम में लगभग 20 वर्ष से संचालित वर्धमान लैब को भी सीज किया गया, जिसका ना तो क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट था ना ही बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन, यद्यपि लैब टेक्नीशियन प्रशिक्षित व लाइसेंस धारी थे. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कस्बे की धनवंतरी अस्पताल का भी औचक निरीक्षण किया.
अप्रशिक्षित स्टाफ चला रहा था अस्पताल
नर्सिंग कर्मचारी तथा पैरामेडिकल स्टाफ अप्रशिक्षित मिले और बच्चों की नर्सरी भी एक आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा चलाई जा रही थी. अस्पताल संचालक को सुधार की चेतावनी देकर केवल प्रशिक्षित व पंजीकृत स्टाफ द्वारा ही स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए. कार्रवाई के अंत में स्थानीय तुलसी हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया गया. हॉस्पिटल का क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण नहीं मिला साथ ही स्टाफ भी अप्रशिक्षित था. इन्हें भी चेतावनी देकर सुधार हेतु निर्देश दिए गए. डॉ गुप्ता ने बताया कि झोलाछाप चिकित्सकों व अवैध डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बीकानेर जिले में लगातार कार्रवाईयां जारी रहेगी. किसी को भी आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने की छूट नहीं मिलेगी.
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