आईएएस अधिकारी दौसा जिले के कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी जो पिछले एक माह से प्रत्येक रविवार को परंपरागत प्राचीन जल स्रोतों की साफ-सफाई का अभियान चलाकर श्रमदान कर रहे हैं.
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Bandikui: क्या आपने कभी किसी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को आमजन की समस्या के समाधान के लिए गेंती फावड़े चलाते हुए देखा है. नहीं तो हम बताते हैं आपको एक ऐसे आईएएस जो जिले की जनता की पानी की समस्या के समाधान के लिए खुद गेंती फावड़े चला रहे हैं. साथ ही परातों में कचरा भी भर कर ढोह रहे हैं. आईएएस अधिकारी दौसा जिले के कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी जो पिछले एक माह से प्रत्येक रविवार को परंपरागत प्राचीन जल स्रोतों की साफ-सफाई का अभियान चलाकर श्रमदान कर रहे हैं.
दरअसल दौसा जिले के लोग पिछले लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. जिले में भूजल स्तर इतना नीचे आ गया कि पूरे जिले को डार्क जोन घोषित किया हुआ है. ऐसे में जिले में पानी की समस्या ने विकराल रूप ले लिया, जिले के लोग पानी के लिए त्राही-त्राही कर रहे हैं तो पेयजल के लिए कोसों दूर तक भटकते हैं. जिले की पानी की समस्या खत्म हो इसको लेकर सरकार ईसरदा डैम का निर्माण करवा रही है तो वहीं अन्य योजनाओं के माध्यम से जिले में पानी के संकट को दूर करने का काम भी किया जा रहा है.
दौसा कलेक्टर कमर चौधरी ने वर्षा जल का अधिक से अधिक संरक्षण हो इसको लेकर जिले के परंपरागत जल स्रोतों की साफ-सफाई श्रमदान के माध्यम से करने का अभियान पिछले एक माह से चलाया हुआ है. कलेक्टर एक ओर जहां जिले की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को देख रहे हैं तो वहीं रविवार के अवकाश के दिन पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और आमजन के सहयोग से श्रमदान अभियान चला रहे हैं. इस अभियान में कलेक्टर कमर चौधरी खुद गेंती फावड़े चला रहे हैं तो वहीं तगारियो में भरकर कचरा भी ढोह रहे हैं.
आईएएस बनने के बाद अधिकतर अफसर एसी ऑफिस में बैठकर कामकाज करते है लेकिन दौसा कलेक्टर कमर चौधरी एक ओर जहां जिले की प्रशासनिक व्यवस्था देख रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जिले की पेयजल समस्या का समाधान हो और जिले की जनता को राहत मिले, इसको लेकर खुद आमजन के साथ श्रमदान कर पसीना बहा रहे हैं. संभवतया राजस्थान के ऐसे पहले कलेक्टर होंगे कमर चौधरी जो ऐसी ऑफिस छोड़कर जिले की प्राचीन बावड़ियों तलाइयों और एनीकटों में पहुंचकर आमजन के साथ गेंती फावड़े चलाकर पसीना बहा रहे हैं. मकसद है उनके जिले की जनता की पानी की समस्या का निदान हो.
कलेक्टर कमर चौधरी का कहना है कि हमारा मकसद है बारिश के दौरान जिले में वर्षा जल का अधिक से अधिक संरक्षण हो इसको लेकर मानसून से पहले जिले के सभी परंपरागत जल स्रोतों की आमजन और सरकारी अधिकारियों कार्मिकों के सहयोग से श्रमदान अभियान चलाकर साफ-सफाई का काम किया जा रहा है और इस काम में लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. कलेक्टर के इस सफाई अभियान में एसपी राजकुमार गुप्ता खुद और उनके पुलिस अधिकारी और जवान भी कंधे से कंधा मिलाकर श्रमदान कर रहे हैं.
दौसा कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी के इस अभियान की जिले के लोग जमकर तारीफ कर रहे है. साथ ही यह भी कह रहे हैं कि कलेक्टर हो तो कमर चौधरी जैसा जिनमें ना कोई अहंकार दिखाई देता है और ना ही अफसर गिरी एक सामान्य व्यक्ति की तरह आमजन के साथ घुलमिल कर जिले के विकास को पंख देने में लगे हुए हैं.
कलेक्टर कमर चौधरी के इस अभियान से अगर प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर सीख लेते हुए श्रमदान के माध्यम से परंपरागत जल स्रोतों को संवारने का काम करते हैं तो वर्षा जल का काफी हद तक संरक्षण हो सकेगा और निश्चित रूप से प्रदेश की पानी की समस्या में कहीं न कहीं कमी आएगी तो वहीं भूजल स्तर भी बढ़ेगा.
Reporter: Laxmi Sharma
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