धौलपुर: लंपी वायरस से बचाव को लेकर कलेक्टर ने ली बैठक, दिए ये निर्देश
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धौलपुर: लंपी वायरस से बचाव को लेकर कलेक्टर ने ली बैठक, दिए ये निर्देश

कलेक्टर ने कहा कि भोपाल लैब में लंपी वायरस से सम्भावित गौ-वंश के भेजे गए सैंपल की जांच आने पर पुष्टि हो चुकि है कि जिले में लंपी वायरस प्रवेश कर चुका है.

कलेक्टर ने ली बैठक

Dholpur: लंपी वायरस की रोकथाम और पशुपालकों को इस रोग से बचाव के लिए जागरूक करने के लिए जिले के दुग्ध डेयरी संचालकों की आयुर्वेदिक, युनानी हेम्योपैथिक चिकित्सक और कृषि पर्यवेक्षक के साथ जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. 

जिला कलेक्टर ने कहा कि भोपाल लैब में लंपी वायरस से सम्भावित गौ-वंश के भेजे गए सैंपल की जांच आने पर पुष्टि हो चुकि है कि जिले में लंपी वायरस प्रवेश कर चुका है, इसलिए पशु पालकों से अपील की जाती है कि उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश राज्य की लगी सीमाओं से आने वाले पशुओं को प्रवेश नहीं करने दिया जाए और पशु पालक अपने पशुओं को खुले में चरने के लिए नहीं छोड़े, जहां तक संभव हो पशु पालक अपने पशुओं को अपने घर ही रखकर चारा पानी खिलाएं. बाहर नहीं जाने दें.

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साथ ही अपने पशुओं को अवारा पशुओं के संपर्क में आने से रोके. उन्होंने कहा कि पशु पालकों को जागरूक करने के लिए ओडियो तैयार कर नगर परिषद और नगर पालिका क्षेत्रा में कचरा संग्रहण वाहनों और ग्रामीण क्षेत्रों में टेम्पो के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएं और कहा कि जिले में इस रोग के फैलाव को रोकने के लिए प्रत्येक पशुपालक तक इस रोग के लक्षण और बचाव के लिए आवश्यक जानकारी पहुंचना आवश्यक है.

सभी डेयरी संचालको, आयुर्वेदिक, युनानी हेम्योपैथिक चिकित्सक और कृषि पर्यवेक्षकों से कहा कि आप सभी का सीधा संपर्क पशुपालकों के साथ रहता है, इसलिए सभी इस रोग के लक्षण और बचाव से सम्बंधित जानकारी पम्फलेट और अन्य साधनों के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस रोग की रोकथाम और फैलाव को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं. जिला प्रशासन द्वारा पशुपालकों को इस रोग के लक्षण और बचाव हेतु पैम्फलेट और अन्य आईईसी गतिविधियों द्वारा जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने आशा सहयोगिनियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर जाकर जागरूकता पैम्फलेट वितरित करने के निर्देश दिए. 

उन्होंने कहा कि किसी भी गौवंश में इस रोग के लक्षण दिखाई देने पर उसे अन्य पशुओं से पृथक कर तत्काल कंट्रोल रूम पर सूचना दें. उन्होंने कहा कि सभी उपखण्डों पर पशु चिकित्सालयों में कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए सभी चिकित्सक अपने अपने क्षेत्रों का प्लान तैयार कर वैक्सिनेशन और बचाव के लिए अन्य दवाई पशुपालकों को वितरित करें. सभी चिकित्सक अपने अपने क्षेत्रों में घर घर जाकर संक्रमण से बचाव और उपचार के बारे में जानकारी प्रदान करें. इस दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद चेतन चौहान ने कहा कि हर ग्राम पंचायत स्तर पर संक्रमित पशु को आइसोलेशन के लिए खाली जगह चिह्नित किया जा रहा है और मृत पशुओं के निस्तारण के लिए सभी विकास अधिकारियों को जगह चिन्हित करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं.

Reporter: Bhanu Sharma

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