राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में काम कर रहे रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों को उनके कार्य स्थल से 25 किमी के दायरे में स्थित निजी अस्पताल व क्लिनिक में प्रैक्टिस करने की अनुमति देने वाले विभाग के गत 21 मार्च के परिपत्र पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.
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Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में काम कर रहे रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों को उनके कार्य स्थल से 25 किमी के दायरे में स्थित निजी अस्पताल व क्लिनिक में प्रैक्टिस करने की अनुमति देने वाले विभाग के गत 21 मार्च के परिपत्र पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश निजी चिकित्सक राजीव सिंह की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार का विशेष तौर पर ऐसा परिपत्र जारी करना अव्यावहारिक है और फिलहाल इसकी क्रियान्विति पर रोक लगाया जाना उचित होगा.
बॉडी- याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 21 मार्च को परिपत्र जारी कर प्रावधान किया कि सरकारी रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक उनके काम करने वाली जगह से 25 किमी के दायरे में आने वाले निजी अस्पताल व क्लिनिक में प्रैक्टिस कर सकते हैँ. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार का यह परिपत्र न केवल मनमाना है, बल्कि सरकारी चिकित्सकों को निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने के लिए बढावा देने वाला भी है.
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इस परिपत्र के चलते सरकारी चिकित्सक निजी अस्पताल में भी प्रैक्टिस करेंगे और इससे प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों को परेशानी हो रही है. याचिका में कहा गया कि ऐसे सरकारी चिकित्सकों को राज्य सरकार से वेतन मिल रहा है. उन्हें निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस करने की अनुमति देने से प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों के हित प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में विभाग के इस परिपत्र पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने परिपत्र पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
Reporter- Mahesh Pareek