राजस्थान में टोंक जिले में SDM थप्पड़ कांड को लेकर राजनीतिक हलकों में नरेश मीणा के कृत्य की भर्त्सना की जा रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, केंद्रीय पर्यटन मंत्री सहित अन्य नेताओं ने इस घटना को कतई स्वीकार्य नहीं बताया. लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को अपनी मर्यादा में रहकर कार्य करने की बात कही है.
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Jaipur News: SDM थप्पड़ कांड को लेकर राजनीतिक हलकों में नरेश मीणा के कृत्य की भर्त्सना की जा रही है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, केंद्रीय पर्यटन मंत्री सहित अन्य नेताओं ने इस घटना को कतई स्वीकार्य नहीं बताया. लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को अपनी मर्यादा में रहकर कार्य करने की बात कही है.
देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में मतदान के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद टोंक जिले में तनाव का माहौल बना हुआ है. वहीं दूसरी तरफ अब इस मामले पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. कांग्रेस के आरोपों के बीच बीजेपी ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने नरेश मीणा के व्यवहार को गलत बताते हुए कहा कि ऐसी कोई भी घटना स्वीकार्य नहीं है. किसी भी जनप्रतिनिधि को कोई समस्या है तो वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए, न कि कानून अपने हाथ मे लेना चाहिए.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि देवली - उनियारा विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने जिस तरह से एसडीएम के साथ मारपीट की घटना ठीक नहीं है. किसी भी राजनेता को इस तरह से अपना आपा नहीं खोना चाहिए. यह राजनीति के आचरण के विरुद्ध है. अगर नरेश मीणा को किस तरह की कोई आपत्ति थी तो उन्हें संबंधित अधिकारियों को अपनी शिकायत देनी चाहिए थी. इस तरह से खुद कानून हाथ में ले की ठीक नहीं है. राजनीति में अगर लंबा चलना है तो आपको अपना आचरण सही रखना होगा. इस तरह के व्यवहार से आम जनता में भी उनकी छवि खराब होगी, जनता इस तरह के आचरण और व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी. इससे उन्हें अपने ही राजनीतिक जीवन में आगे जाकर नुकसान होगा.
वहीं इस मामले पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कड़े शब्दों में निंदा की. शेखावत ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के कृत्य के लिए कोई गुंजाइश नहीं है. ना ही इसको लेकर कोई स्वीकारोक्ति. कठोर शब्दों में इस घटना की निंदा होनी चाहिए. विरोध का अपना तरीका हो सकता है, लेकिन लोकतंत्र में इस तरह की हिंसक गतिविधियां का कोई स्थान नही, इसे केकतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. शेखावत ने कहा कि अगर किसी को कोई आपत्ति होती है तो वह लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकता है अपना विरोध दर्ज कर सकता है लेकिन अपनी मांग बनवाने या अपने नाराजगी दिखाने के लिए किसी तरह की हिंसा की जाए यह किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में बरदाश्त योग्य नहीं है.