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Jaipur: राजस्थान में बेमौसम बारिश के बीच समर्थन मूल्य पर सरसों और चने की खरीद शुरू हो गई है,लेकिन इसी खरीद पर संकट के बादल मंडरा रहे है.क्योकि प्राकृतिक आपदा ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी है. इसी बीच बर्बाद फसलों और समर्थन मूल्य की उपज का एनालिसिस करना ही बेहद जरूरी है. क्योकि अब सवाल ये है कि क्या किसान उपज का बेचान कर भी पाएगा या नहीं?
खरीद केंद्र बन गए, लेकिन बेचान क्या करें?
अन्नदाताओं की आमदनी का एकमात्र जरिया होता है खेती,वो भी तब संभव हो पाता है,जब छह महीने, सालभर खेतो को सींचता है.लेकिन मरूधरा में बेमौसम बारिश के मार्च के बाद अब अप्रैल में किसानों पर आसमानी आफत थमने का नाम नहीं ले रही है.पहले सर्दी का पाला,फिर बेमासैम बारिश के साथ ओलो ने किसानों का दम निकाल दिया.
फसलों की बर्बादी के बीच अब राजस्थान में समर्थन मूल्य आज से सरसों और चने की खरीद शुरू हुई है.लेकिन ये खरीद कैसे होगी,कहां होगी,कितनी होगी. इस बात का जवाब प्रदेश के किसान ढूंढ रहे है. क्योकि फसल खराबे ने तो उन्हे उपज के बेचान लायक छोडा ही नहीं.हालांकि सहकारिता विभाग ने चने और सरसों की खरीद के लिए 234-234 केंद्र बनाए तो दिए है.लेकिन अब देखना होगा कि ये खरीद कितनी हो पाती है.क्योकि उत्पादन का सिर्फ 25 प्रतिशत तक ही राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद कर सकती है.
बर्बाद फसलों के साथ समर्थन मूल्य पर उपज का एनालिसिस
उपज फसल खराबा उपज का लक्ष्य
सिर्फ 94 हजार किसानों ने करवाया रजिस्ट्रेशन
कृषि विभाग का अनुमान है कि चने करीब 80 प्रतिशत तक और सरसों करीब 45 तक बर्बाद हो गई.यही वजह है कि 10 दिन में अब तक सिर्फ राजस्थान में सिर्फ 94 हजार अन्नदाताओं ने समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है.हालांकि राहत के लिए कृषि विभाग जब जब आसमान से आफत बरस रही है,तब तब कृषि पर्यवेक्षको और अधिकारियों को मौका मुआयने के निर्देश दे रहे है.प्रदेश में सरसों की 5450 रू,चना की 5335 रू.प्रति क्विंटल की दर से खरीद होगी
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