जयपुर का जनाना अस्पताल रचेगा कीर्तिमान, बनेगा पहला लक्ष्य सर्टिफाइड अस्पताल
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जयपुर का जनाना अस्पताल रचेगा कीर्तिमान, बनेगा पहला लक्ष्य सर्टिफाइड अस्पताल

जयपुर का जनाना अस्पताल नया कीर्तिमान रचेगा और मापदंडो पर खरा उतरने के बाद यह जिले का पहला लक्ष्य सर्टिफाइड अस्पताल बनने जा रहा है. अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए 4 और 5 जुलाई को केंद्र से लक्ष्य की टीम आएगी. 

जनाना अस्पताल रचेगा कीर्तिमान

Jaipur: जयपुर का जनाना अस्पताल नया कीर्तिमान रचेगा और मापदंडो पर खरा उतरने के बाद यह जिले का पहला लक्ष्य सर्टिफाइड अस्पताल बनने जा रहा है. अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए 4 और 5 जुलाई को केंद्र से लक्ष्य की टीम आएगी. हालांकि अभी तक की गई रिपोर्टिंग के अनुसार हॉस्पिटल सभी मापदंडो पर खरा उतरा है.

जिसमें संस्थागत प्रसव के दौरान प्रसूताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने के लिए जिला अस्पताल का लेबर रूम सहित लक्ष्य के सभी मापदंडो पर खरा उतरा है. देशभर के प्रसव कक्षों को लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर संचालित लक्ष्य कार्यक्रम के तहत जयपुर का जनाना अस्पताल केन्द्र सरकार की टीम के निरीक्षण के बाद लक्ष्य सर्टिफाइड हो जाएगा. जिले में किसी भी अस्पताल को लक्ष्य सर्टिफाइड के लिए 75 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने जरूरी होते है.

जयपुर के ऐसे अस्पताल जहां पर प्रसव की सुविधा होती है उन अस्पतालों में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डॉक्टर्स और लेबर रूम में चिकित्सा स्टाफ के व्यवहार को सुधारने में जनाना अस्पताल अव्वल रहा है. जिले के महिला अस्पताल, कांवटियां, गणगौरी, जयपुरिया सहित अन्य अस्पतलों में भी प्रसव की सुविधा उपलब्ध है लेकिन यह सभी अस्पताल लक्ष्य मापदंडों पर खरे नहीं उतरे है.
 
व्यवहार सुधारा, साफ-सफाई पर दिया ध्यान 
जिला नोडल अधिकारी डॉ. हर्षिता ने बताया कि लक्ष्य सर्टिफिकेशन के लिए संस्थागत स्तर, जिला स्तर, राज्य और केन्द्र स्तर से निरीक्षण के दौरान अस्पताल के लेबर रूम की स्वच्छता, स्टाफ का कौशल, व्यवहार, संसाधनों की उपलब्धता, रोगी सुरक्षा और अन्य मापदंडों को पूर्ण करना होता हैं, जिसमें जनाना अस्पताल ने अन्य अस्पतालों में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए है. 

इसी आधार पर टीम के निरीक्षण के बाद इस अस्पताल को लक्ष्य सर्टिफिकेशन हासिल हो जाएगा. हमने लेबर रूम के चिकित्सा स्टाफ के व्यवहार को लेकर खास काम किया है, जिसके तहत इन्हें ट्रेनिंग देकर स्टाफ के प्रसूता के साथ व्यवहार को सुधारने को कहा है. व्यवहार सुधारने में भी इस अस्पताल का स्टाफ अव्वल रहा है.
 
इन पैरामीटर्स पर किया काम 
अस्पताल की पूर्व अधीक्षक डॉ.पुष्पा नागर ने बताया कि प्रसूताओं को तमाम तरीके की सुविधाएं, न्यू बोर्न केयर यूनिट में नवजातों के लिए सुविधाएं, इमरजेंसी रेफरल केस में जच्चा-बच्चा की जान बचाने, गंभीर प्रसूताओं को समय पर इलाज, अस्पताल में जटिल सर्जरी, टीकाकरण को बढ़ावा देने सहित गर्भवतियों को प्रसव पूर्व और प्रसव काल के दौरान आवश्यक सेवाओं को उपलब्ध कराकर मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में हमारा अस्पताल लक्ष्य के पैरामीटर्स पर खरा उतरा है. खासतौर में लेबर रूम की साफ-सफाई और स्टाफ के व्यवहार का योगदान महत्वपूर्ण होता है.
 
क्या है लक्ष्य प्रमाणीकरण
मातृत्व और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और उन्हें अधिक से अधिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए उद्देश्य से भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. लक्ष्य प्रमाणीकरण का मूल उद्देश्य प्रसव संबंधी सुविधाओं को बेहतर बनाना है. इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर और प्रसूता के लिए बने विशेष देखभाल इकाई के गुणवत्ता में सुधार लाना है. लक्ष्य अस्पतालों के आठ परैमीटर्स सर्विस प्रोविजन, पेशेंट राइट्स, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, सपोर्ट सर्विस, इनपुट्स और व्यवहार पर मार्किंग करता है, जिसमें सभी अस्पतालों में जनाना ने सबसे ज्यादा अंक हासिल किए है.

Reporter: Ashutosh Sharma

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