Jaipur News: राजस्थान के अलवर जल जीवन मिशन में लैब्स में पाइपों के सैंपल फेल हुए लेकिन 7 महीने बाद भी जिम्मेदार इंजीनियर्स पर कार्रवाई नहीं हुई. अलवर में घटिया क्वालिटी के पाइपों का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद जांच कमेटी का गठन किया गया. सैंपल फेल हुए लेकिन अब तक इंजीनियर्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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Jaipur News: अलवर जल जीवन मिशन में लैब्स में पाइपों के सैंपल फेल हुए लेकिन 7 महीने बाद भी जिम्मेदार इंजीनियर्स पर कार्रवाई नहीं हुई. अलवर में घटिया क्वालिटी के पाइपों का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद जांच कमेटी का गठन किया गया. सैंपल फेल हुए लेकिन अब तक इंजीनियर्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अलवर में घटिया पाइपों का इस्तेमाल, प्रतिष्ठित लैब से जांच और सैंपल फेल लेकिन 5 से 7 महीने के बीच अब तक जिम्मेदार इंजीनियर्स पर गाज नहीं गिरी. अलवर सांसद बाबा बालकनाथ की शिकायत के बाद में जलदाय विभाग ने जांच कमेटी का गठन किया गया था, जिसके बाद ज़ी मीडिया ने अलवर ग्राउंड रिपोर्ट में सच्चाई दिखाई थी और लोगों कहा था कि पाइप से बदबू आ रही है. पीएचईडी के उपसचिव गोपाल सिंह का कहना है कि कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जल्द कार्रवाई की जाएगी.
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ये पाइप कंपनियां लैब में फेल-
गांव लैब पाइप कंपनी का ब्रांड फैक्ट्री
नग्लिया श्रीराम लैब अमृत वर्षा उत्तम पाइप
(3 सैंपल फेल हुए) (कोतपूतली)
नाग्ल संतोकडा श्रीराम, एनटीएच नोजिल श्रीराम पाइप
(2 सैंपल फेल) (बहरोड़)
बसई कला श्रीराम, एनटीएच ऐर्श्वयम अरिहंत पाइप
(2 सैंपल फेल) (जयपुर)
भजनावास श्रीराम, क्वालिटी कंटोल नोजिल श्रीराम पाइप
( 2 सैंपल फेल ) (बहरोड़)
मुडिया नेशनल टेस्ट हाउस नोजिल श्रीराम पाइप
(1 सैपल लिया, वो भी फेल) (बहरोड़)
इन इंजीनियर्स की थी जिम्मेदारी
श्रीराम कंपनी में 5 सैंपल और जयपुर की नेशनल टेस्ट हाउस प्रयोगशाला में 8 सैंपल भेजे थे. कुल 14 में से 10 सैंपल फेल हो गए. अधीक्षण अभियंता केसी मीणा, एक्सईएन नरेंद्र प्रसाद गुप्ता, एईएन राजेश शर्मा, एईएन विकास गुप्ता, बरकत खान की जिम्मेदारी थी जबकि सहायक अभियंता राजीव जैन, प्रदीप शर्मा ने फैक्ट्रियों की जांच की थी.
इन फर्मों ने किया था काम
अलवर ग्रामीण के डिवीजन फर्स्ट में मैसर्स उमरदीन, मैसर्स जीतकौर, मैसर्स रेड डायमंड, मैसर्स अंकित बोरिंग, मैसर्स फर्म ने काम किया था. जल जीवन मिशन में एसीबी और ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है लेकिन सवाल ये है अलवर में घटिया पाइप बिछाने वाले इंजीनियर्स और फर्मों पर कब एक्शन होगा?