राजस्थान कैडर के IFS गोविंद सागर भारद्वाज को बड़ी नियुक्ति मिली है. उन्हें प्रोजेक्ट टाइगर में एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट के रूप में नियुक्ति की है. साथ ही NTCA का मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया। डेपुटेशन के रूप में भारद्वाज को नियुक्ति मिली है.
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Rajasthan: राजस्थान कैडर के IFS गोविंद सागर भारद्वाज को बड़ी नियुक्ति मिली है. उन्हें प्रोजेक्ट टाइगर में एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट के रूप में नियुक्ति की है. साथ ही NTCA का मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया।
डेपुटेशन के रूप में भारद्वाज को नियुक्ति मिली है. कैबिनेट कमेटी के अनुशंसा के आधार पर नियुक्तिदी गई है. मिनिस्ट्री आफ एनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज ने आदेश जारी किए है.
#Jaipur राजस्थान कैडर के आईएफएस गोविंद सागर भारद्वाज को मिली बड़ी नियुक्ति
प्रोजेक्ट टाइगर में एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेस्ट के रूप में नियुक्ति, साथ ही NTCA का मेंबर सेक्रेटरी बनाया गया, डेपुटेशन के रूप में मिली भारद्वाज को नियुक्ति...@ForestRajasthan @kashiram_journo… pic.twitter.com/zthtJWh8Aq
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) February 5, 2024
कौन हैं IFS गोविंद सागर भारद्वाज
IFS गोविंद सागर भारद्वाज 1994 राजस्थान कैडर में भारतीय वन सेवा में शामिल हुए थे. उन्होंने भारतीय वन्यजीव संस्थान से वन्यजीव प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा लिया है. IFS अधिकारी होने के कारण उन्होंने राजस्थान के जंगलों के विभिन्न वन प्रभागों जैसे, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान सहित विभिन्न वन प्रभागों में विभिन्न पदों पर कार्य किए है.
रणथंभौर में काम करने के दौराम उन्हें विशेषकर बाघों के प्रति गहरा लगाव पैदा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 'ट्रैकिंग टाइगर्स इन रणथंभौर' नामक पुस्तक प्रकाशित हुई. IFS गोविंद सागर भारद्वाज को साल 1999 में, राजस्थान राज्य में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्य पुरस्कार भी मिला है . यह पुरस्कार विशेष रूप से ग्रामीणों और एक बाघ की जान बचाने के लिए उन्हें दिया गया था, जो जंगल से बाहर एक गांव में भटक गया था.
क्या है प्रोजेक्ट टाइगर
प्रोजेक्ट टाइगर भारत में एक वन्यजीव संरक्षण पहल है जिसे वर्ष 1973 में शुरू किया गया था. प्रोजेक्ट टाइगर का प्राथमिक उद्देश्य समर्पित टाइगर रिज़र्व बनाकर बाघों की आबादी के प्राकृतिक आवासों में अस्तित्त्व और रखरखाव सुनिश्चित करना है.