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जयपुर: राजस्थान में लंपी बीमारी का कहर जारी है. सैकड़ों गोवंश की मौतें हो रही हैं. सरकार इस बीमारी पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन हालात काबू से बाहर है. गहलोत सरकार केंद्र से इसे महामारी घोषित करने की मांग कर रही है. पर केंद्र सरकार की ओर से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. वहीं प्रदेश में इसको लेकर सियासत भी जारी है. बीजेपी नेता और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने लंपी बीमारी को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है.
राठौड़ ने कहा कि बीमारी कंट्रोल के लिए सरकार के पास कोई मैनेजमेंट नहीं है. पशु चिकित्सालयों में 58 फीसदी पद खाली पड़े हैं. इन पदों पर लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया रूकी है. सरकार चाहती तो रिक्त पदों पर वेटनरी डॉक्टर और कर्मचारियों की नियुक्ति कर बीमारी पर नियंत्रित पा सकती थी, लेकिन गहलोत अपनी कुर्सी बचाने के लिए उद्घाटन, शिलान्यास और सभाएं करने में व्यस्त हैं. राठौड़ ने आरोप लगाया कि जैसे कोरोना में सरकार फैल रही, वैसे ही लंपी कंट्रोल में फेल है.
रघु शर्मा ने हिम्मत दिखाकर असलीयत बताई- राठौड़
राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस नेता और गुजरात प्रभारी रघु शर्मा की ओर से जताई गई नाराजगी का भी जिक्र किया. राठौड़ ने कहा कि रघु शर्मा ने हिम्मत करके असलियत बताई है, क्योंकि पद ही रिक्त हैं तो वेक्सीनेट कौन करेगा? बता दें कि रविवार को सीएम की मौजूदगी में रघु शर्मा ने कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. रघु शर्मा ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र से वेटनरी स्टाफ को वापस क्यों बुला लिया गया है. इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि उनके क्षेत्र में वेटनरी स्टाफ को भेज दिया गया है.
जनता सरकार से ऊब चुकी है- राठौड़
राठौड़ ने तबादलों को लेकर भी गहलोत सरकार को घेरा. राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग में जाति-धर्म के आधार पर तबादले हो रहे हैं. शहर के होटल महकमे के दलालों से भरे पड़े हैं. राज्य सरकार में तबादला उद्योग चल रहा है. गहलोत इस पर ध्यान देने के बजाए चुपचाप हैं. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की जनता इस सरकार से ऊब चुकी है. अगले साल सरकार को जवाब मिल जाएगी.
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