आजादी के 30 साल बाद राजस्थान के इस किले में पाकिस्तान ने मांगी थी हिस्सेदारी, भारत सरकार ने दिया था करारा जवाब
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आजादी के 30 साल बाद राजस्थान के इस किले में पाकिस्तान ने मांगी थी हिस्सेदारी, भारत सरकार ने दिया था करारा जवाब

Jaigarh Fort Jaipur : राजस्थान के जयपुर में स्थित जयगढ़ किला. आमेर किले से सुरंग के जरिए जुड़े इस किले में भारत सरकार को बड़ा खजाना मिला था. माना जाता है कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए भारतीय सेना यहां से 60 ट्रक सोना चांदी ले गई थी. बाद में जब पाकिस्तान को पता चला तो उसने भी हिस्सेदारी मांगी.

आजादी के 30 साल बाद राजस्थान के इस किले में पाकिस्तान ने मांगी थी हिस्सेदारी, भारत सरकार ने दिया था करारा जवाब

Jaipur, Rajasthan : जयपुर का जयगढ़ किला. कहते है कि मुगलकाल में यहां इतना खजाना छिपाया गया था कि भारतीय सेना ( Indian Army ) को तीन दिन तक ट्रकों में भरकर ले जाना पड़ा. वैसे इस खज़ाने से जुड़ी जो कहानियां लोगों के बीच चल रही है. जो कहानियां इतिहासकार बताते है. उस बारे में भारत सरकार ने कभी कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन कहानी के मुताबिक आपातकाल में इंदिरा गांधी ( Indira gandhi ) सरकार ने जयगढ़ किले ( Jaigarh Fort ) की खुदाई कराई थी. चूंकी जयपुर महारानी गायत्री देवी और गांधी परिवार के रिश्ते पहले से खराब हो चुके थे.

साल 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में गायत्री देवी कांग्रेस को हराकर जयपुर की सांसद बनी थी. उसके बाद के चुनाव भी जीती. वो इंदिरा गांधी के खिलाफ खुलकर भाषण देती थी. इधर आपातकाल में गायत्री देवी और उनके बेटे ब्रिगेडियर भवानीसिंह को दिल्ली जेल में बंद कर दिया गया. जयगढ़ किले को भारतीय सेना ने घेर लिया. करीब एक सप्ताह तक आमेर में कर्फ्यू लगाया गया. किले के करीब किसी को नहीं आने दिया. सात दिन खुदाई में इतना खजाना मिला कि उसे दिल्ली ले जाने में भारतीय सेना के ट्रक तीन दिन लगातार चलते रहे.

पाकिस्तान ने किया था दावा

उस समय पाकिस्तान में जुल्फीकार अली भुट्टो की सरकार थी. भुट्टो ने 11 अगस्त 1976 को इंदिरा गाधी को पत्र लिखा. भुट्टो ने 1947 में हुए समझौते की याद दिलाई. पाकिस्तान का दावा था कि 1947 में हुए समझौते में खज़ाने में आधा हिस्सा हमारा है. चूंकि ये खजाना आजादी से पहले का है. ऐसे में हमारा भी हक है. इसका कई महीनों बाद इंदिरा गांधी ने जवाब दिया. इंदिरा गांधी ने कहा कि चूंकि हमें ऐसा कोई खजाना मिला भी नहीं है. तो पाकिस्तान को हिस्सा देने का सवाल ही नहीं उठता. वैसे भी मैनें लीगल टीम से बात की है. 1947 के किसी भी समझौते की अब हम पर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि हम आपको कोई हिस्सा दें. 

कहां से आया था इतना खज़ाना

जयपुर के आमेर में स्थित इस जयगढ़ किले में खजाने का रहस्य 500 साल पीछे का है. बताया जाता है कि साल 1581 में अकबर ने मानसिंह को अफगान मिशन पर भेजा. मानसिंह वहां के विद्रोहियों को कुचलने में कामयाब भी हुए. लेकिन राजपूत सेना ने वहां का जो खजाना लूटा. उसकी जानकारी अकबर को नहीं दी गई. मानसिंह ने ये खजाना आमेर किले में छिपा लिया और अकबर को कभी इसकी खबर नहीं मिली.

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