Invest Rajasthan Summit: दो दिवसीय इन्वेस्ट राजस्थान समिट” का दूसरा दिन एमएसएमई सेक्टर पर केंद्रित रहा. समिट के तहत शनिवार को जेईसीसी के रणथंभौर हॉल में आयोजित कॉन्क्लेव और पैनल डिस्कशन में एमएसएमई सेक्टर की भविष्य की तैयारी पर चर्चा की गई.
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Invest Rajasthan Summit: दो दिवसीय इन्वेस्ट राजस्थान समिट” का दूसरा दिन एमएसएमई सेक्टर पर केंद्रित रहा. समिट के तहत शनिवार को जेईसीसी के रणथंभौर हॉल में आयोजित कॉन्क्लेव और पैनल डिस्कशन में एमएसएमई सेक्टर की भविष्य की तैयारी पर चर्चा करने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम क्षेत्र के उद्यमियों, निवेशकों, विचारकों और नीति निर्माताओं के विविध समूह को अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका मिला.
समापन समारोह के मुख्य अतिथि सीएम अशोक गहलोत इस अवसर पर एमएमएमई की मजबूती पर जोर दिया और कहा कि जितना एमएसएमई सेक्टर जितना मजबूत होगा, प्रदेश में उतना ही विकास होगा.
राज्य में होगा अधिक रोजगार एवं विकास
एमएसएमई क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने हमेशा सकारात्मक रुख अपनाया है. हमें विश्वास है कि मजबूत एमएसएमई सेक्टर से राज्य में और अधिक रोजगार एवं विकास होगा. शिक्षा, बुनियादी ढांचे, चिकित्सा, संसाधनों के अतिरिक्त राज्य में लागू नीतियों एवं प्रोत्साहनों जैसे निरंतर प्रयासों से राजस्थान एमएसएमई उद्योगों के लिए उभरता हुआ केंद्र बन गया है. ये एमएसएमई उद्यमी कल के बड़े उद्योगपति बनेंगे. आज देश की जीडीपी में एमएसएमई का 30 प्रतिशत योगदान है. राजस्थान में लगभग 6 लाख से अधिक एमएसएमई उद्योग स्थापित है. यहां 1.35 लाख से अधिक निर्यातक है.
निवेश के लिए ’बेस्ट डेस्टिनेशन'
एमएसएमई कॉन्क्लेव के ‘थिंकिंग बिग, थिंकिंग स्मार्ट’ सत्र में सीएम ने आगे कहा कि समिट से प्रदेश में निवेश का एक नया वातावरण बना है. राज्य की नीतियों का इन्वेसटर्स की ओर से खुले मन से तारीफ करना व इन्वेस्टमेंट के लिए ’बेस्ट डेस्टिनेशन’ बताना सफलता का प्रतीक है. हम प्रदेश में ऐसा माहौल विकसित कर रहे हैं, जिससे कि हर क्षेत्र में उद्योग स्थापित हो सकें और रोजगार बढ़ सकें. राज्य सरकार हर समय और हर परिस्थिति में निवेशकों के साथ खड़ी है. सरकार हर एमओयू और प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार का हर अधिकारी-कर्मचारी समर्पित होकर निवेशकों की आवश्यकताओं को समयबद्ध पूरा कराना सुनिश्चित करेंगे. उद्यमी वहीं निवेश करते है, जहां अच्छा माहौल होता है. हमने सडक तंत्र को मजबूत बनाया है. औद्योगिक विकास के लिए नीतिगत निर्णयों से ऐसा माहौल विकसित किया है कि निवेशकों को समस्याएं नहीं आएंगी. हैप्पीनेस इंडेक्स में हमारी रैंक और प्रतिव्यक्ति आय बढ़ना प्रदेश की सुख समृद्धि को दर्शाता है. ‘‘
राजस्थान सरकार की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुंतला रावत ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘‘एमएसएमई सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बहुत ही जीवंत क्षेत्र है. राज्य में कुल मौजूदा उद्योगों में अधिकांश उद्योग एमएसएमई श्रेणी में आते हैं. इनमें वस्त्र, शिल्प, खनन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण धातु, फुटवियर, जैने अनेक उद्योग इस कैटेगरी में आते है. एमएसएमई उद्योग सामाजिक-आर्थिक विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.‘‘
इस अवसर पर राजस्थान स्माल इंडस्ट्रीज कॉपरेशन के चैयरमेन, राजीव अरोड़ा ने कहा कि देश की जीडीपी में एमएसएमई की 31 फीसदी और निर्यात में 48 फीसदी भागीदारी है. एमएसएमई पर आयोजित इस कॉन्क्लेव के दौरान साझा की गई जानकारी अत्यंत आवश्यक है.‘‘
राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव, श्रीमती उषा शर्मा ने थीम भाषण में कहा कि एमएमएमई को औद्योगिक विकास की बैकबॉन माना जाता है. प्रदेश के विकास में एमएमएमई अहम भूमिका निभा रहा है. प्रदेश में 6 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं, जिनसे 37 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है. प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों द्वारा विगत वित्त वर्ष में 72 हजार करोड़ का निर्यात किया गया है. एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में पॉलिसी लाई गई.
‘ग्रोथ स्ट्रेटजी: थिंकिंग बिग थिंकिंग स्मार्ट‘
एमएसएमई कॉन्क्लेव में ‘ग्रोथ स्ट्रेटजी: थिंकिंग बिग थिंकिंग स्मार्ट‘ विषय पर उद्यमियों ने अपने विचार रखे. उन्होंने राज्य में एमएसएमई के विकास के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और अपनी सफलता की कहानी साझा की. सत्र का संचालन ग्रैंट थार्नटन भारत एलएलपी के नेशनल सेक्टर लीडर कुणाल सूद ने किया. उन्होंने एमएसएमई के विकास में तकनीक के समावेश से इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारे विविधता से भरे घरेलू बाजार के कारण ही विश्व की आर्थिक मंदी से हम काफी हद तक अप्रभावित रहे. पैनल डिस्शन के दौरान नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री रोहित साबू; श्री एस. रमन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सिडबी ने संबोधित किया. श्री आदिल जैनुलभाई अध्यक्ष क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने ‘जीरो इफेक्ट जीरो डिफेक्ट‘ पर अपने अनुभव शेयर किये.
एक्सपीरियंस शेयरिंग
पैनल डिस्कशन के बाद “लर्न फ्रॉम द बेस्ट, हाउ टू स्केल योर बिज़्नेस?‘‘ थीम पर एक्सपीरियंस शेयरिंग सैशन आयोजित किया गया. इस सत्र में विभिन्न अग्रणीय उद्योगपतियों - श्री अभिनव बांथिया, प्रबंध निदेशक, मनु यंत्रालय प्राइवेट लिमिटेड; श्री दीप कपूरिया, अध्यक्ष, हाई-टेक समूह; श्री समीर गुप्ता, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, जैक्सन ग्रुप; श्री एम पोन्नुस्वामी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक; पोन प्योर केमिकल्स ने अपने अनुभव एवं विचार साझा किये.
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