दो साल से कोरोना के कारण बंद हुई हज यात्रा को सऊदी अरब सरकार ने इस साल मंजूरी दे दी है. अब भारत से कई मुस्लिम लोग हज यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं. इसी बीच भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर से हज के मुकद्दस सफर के लिए कई हज यात्री रवाना हो रहे हैं.
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Jaisalmer: दो साल से कोरोना के कारण बंद हुई हज यात्रा को सऊदी अरब सरकार ने इस साल मंजूरी दे दी है. अब भारत से कई मुस्लिम लोग हज यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं. इसी बीच भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर से हज के मुकद्दस सफर के लिए कई हज यात्री रवाना हो रहे हैं. जैसलमेर जिले से 40 यात्रियों को स्वीकृति मिली है, जिसमें 35 लोग हज यात्रा के लिए रवाना हो रहे हैं. हज के पर जाने वालों को सभी फूलों की मालाओं से विदा कर रहे हैं. हज पर जाने वाले अता मोहम्मद मदीने वाले से देश में अमन चैन की दुआ मांगेंगे.
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2 साल से कोरोना के कारण बंद हज यात्रा को अनुमति के बाद अब जायरीनों में खुशी की लहर है. इससे हज के मुकद्दस सफर पर जाने वाले इस्लाम धर्म के पवित्र तीर्थ मक्का मदीना की हज यात्रा के लिए लगातार प्रस्थान कर रहे हैं. जैसलमेर जिले में करीब 40 लोगों का हज यात्रा के लिए सिलेक्शन हुआ था, जिसमें 5 लोग किसी कारणवश नहीं जा पा रहे हैं. वहीं, 35 लोगों के जैसलमेर से हज तीर्थ के लिए यात्रा का सिलसिला जारी है.
इसी बीच शहर के ढिब्बा पाड़ा निवासी अता मोहम्मद और उनकी पत्नी हज के लिए रवाना हुए. हज यात्रियों को विदाई देने के लिए मुस्लिम समाज के लोगों की भीड़ लगी. उन्होंने फूलों की मालाएं पहनाकर और मिठाई खिलाकर उन्हें हज के लिए रवाना किया. अता मोहम्मद ने कहा कि वे काफी खुश हैं तथा हज में वे देश में अमन चैन की दुआ मांगेंगे.
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