दोरासर में अतिक्रमण भूमि पर प्रशासन की कार्रवाई, पूर्व सरपंच समेत 24 लोग हिरासत में
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1532293

दोरासर में अतिक्रमण भूमि पर प्रशासन की कार्रवाई, पूर्व सरपंच समेत 24 लोग हिरासत में

 दोरासर गांव में एक जमीन को लेकर विवाद हो गया है. हालात यह हो गए है कि दोरासर गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.वहीं, पूर्व सरपंच समेत दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को पुलिस अज्ञात जगह पर ले गई है.

दोरासर में अतिक्रमण भूमि पर प्रशासन की कार्रवाई, पूर्व सरपंच समेत 24 लोग हिरासत में

झुंझुनूं: दोरासर गांव में एक जमीन को लेकर विवाद हो गया है. हालात यह हो गए है कि दोरासर गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.वहीं, पूर्व सरपंच समेत दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों को पुलिस अज्ञात जगह पर ले गई है. जानकारी के मुताबिक दोरासर पंचायत के भवन के लिए गांव की एक जमीन को आवंटित किया गया था, लेकिन इस जमीन का उपयोग गांव के दलित समाज के लोग करते हैं. जिसके चलते इस जगह पर अंबेडकर भवन और पार्क बनाने का निर्णय ग्राम पंचायत ने कर लिया था.

वहीं, वर्तमान में जिस स्कूल में पंचायत भवन चल रहा था. उसे सही मानते हुए इस भवन का आवंटन की परमिशन मांगी जा रही थी, लेकिन इन सबके बीच आज सुबह अचानक पुलिस और प्रशासन का भारी लश्कर मौके पर पहुंचा. एसडीएम शैलेश खैरवा तथा सिटी डीएसपी शंकरलाल छाबा की अगुवाई में जगह को खाली करवाया गया. वहीं इसी जमीन पर स्थापित बाबा साहेब की मूर्ति भी हटा दी गई. ग्रामीणों को आरोप है कि प्रशासन और पुलिस ने बाबा साहेब की मूर्ति और उनके स्मारक को जेसीबी से तोड़ दिया.

भाजपा के विरोध के बाद पुलिस ने हिरासत में लिए लोगों को अज्ञात जगहों पर रखा

इधर, इस कार्रवाई का विरोध कर रहे पूर्व सरपंच अर्जुन सिंह महला समेत करीब 24 से ज्यादा ग्रामीणों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पहले तो इन सभी को सदर थाने ले जाया गया, लेकिन बाद में भाजपा व अन्य ग्रामीणों के विरोध तथा थाने की घेराव की चेतावनी के बाद सभी को अज्ञात जगह ले जाया गया. इस मामले में भाजपा नेता विश्वंभर पूनियां ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ग्रामीणों को छोड़ा नहीं गया और प्रशासन ने वापिस मूर्ति लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन किया जाएगा.

परिवहन मंत्री ओला पर भाजपा का आरोप

उन्होंने परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला पर आरोप लगाया कि वे राजनैतिक कारणों से दलितों पर अत्याचार कर रहे है. जिसे भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी. वहीं गांव में तनाव के माहौल बने हुए है. वहीं इस मामले को लेकर प्रशासन और पुलिस दोनों ने ही चुप्पी साध ली है. पुलिस और प्रशासन, दोनों ही एक-दूसरे का नाम लेकर मामले को टाल रहे हैं.

Trending news