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झुंझुनूं: रणथंभौर की तर्ज पर अब झुंझुनूं आने वाले देशी और विदेशी सैलानी लेपर्ड और चिंकारा सफारी का आनंद ले सकेंगे. पर्यटकों के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग झुंझुनूं जिले में जल्द ही जंगल सफारी शुरू कर रहा है. सबकुछ ठीक ठाक रहा तो नए साल के जनवरी माह में झुंझुनूं बीड़ में जंगल सफारी शुरू करेगा. जबकि खेतड़ी के बांसियाल व उदयपुरवाटी के मनसा क्षेत्र में जनवरी में लेपर्ड सफारी शुरू होगी. इसकी तैयारी शुरू हो गई है.
सरकार की ओर से झुंझुनूं जिले में खेतड़ी के बांसियाल, उदयपुरवाटी के मनसा माता क्षेत्र व झुंझुनूं बीड़ को रिजर्व घोषित किया गया है. बांसियाल व मनसा माता में लेपर्ड लाकर छोड़े गए हैं. इनका कुनबा लगातार बढ़ रहा है. सरकार ने बांसियाल व मनसा को इसलिए चुना कि इस इलाके में पहाड़ी इलाके के साथ घना जंगल भी है. यहां वन विभाग की ओर से पीने के पानी के लिए कुंड बनाए जा चुके हैं. सोलर चलित ट्यूबवैल बनाए हैं. वन विभाग की छह चौकी भी बनाई जा रही हैं. यहां वन्य जीवों के संरक्षण के लिए करीबन 102 वर्ग किमी ऐरिया रिजर्व किया गया है.
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इन जगहों पर आते हैं सैलानी
वन विभाग की ओर से बांसियाल में 31 किमी का ट्रैक बनाया गया है. जबकि मनसा पहाड़ी के जंगलों में 14.5 किमी का रास्ता बनाया गया है. जंगल के बीचों बीच इस रास्ते पर जगह-जगह वाटर होल एनीकट बनाए गए हैं. ताकि लेपर्ड व अन्य जानवर आए और लोग इनको देख सकें. जंगल सफारी शुरू होने पर जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की संभावना है. जिले के मंडावा, नवलगढ़, डूंडलोद, मुकुंदगढ व झुंझुनूं में देश विदेशों से पर्यटक आते हैं. पर्यटक यहां से रणथंभौर में सफारी का आनंद लेने जाते है. खेतड़ी व उदयपुरवाटी में जंगल सफारी शुरू होने से पर्यटक इसका यहीं आनंद ले सकेंगे. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
सफारी शुरू होने से मिलेगा रोजगार
झुंझुनूं में बजट घोषणा के अनुसार वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को हेरीटेज टूरिज्म के साथ जोड़ने को लेकर काम किया गया है. देशी और विदेशी को अपनी और खींचने वाले यहां के गढ़ किले, हवेलियां, कुएं, बावड़ी के बाद यहां का वाइल्डलाइफ टूरिज्म भी अब इन्हें अपनी ओर आकर्षित करेगा. जनवरी माह में देशी और विदेशी सैलानी झुंझुनूं में बांसियाल झुंझुनूं बीड़ और मनसा माता कन्वर्जन क्षेत्र में वाइल्डलाइफ टूरिज्म का आनंद लेते दिखेंगे. देशी विदेशी पर्यटक बीड़ वन क्षेत्र में काले हिरणों को देखने के लिए जंगल सफारी का लुफ्त लेंगे. वहीं लेपर्ड सफारी के लिए बांसियाल और मनसा की पहाड़ियों का रुख करेंगे. लेपर्ड और जंगल सफारी से पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
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वाइल्ड लाइफ टूरिजम में अलग होगी पहचान
हेरिटेज टूरिजम के लिए पहचाने जाना वाला झुंझुनूं जिला अब आने वाले दिनों में वाइल्ड लाइफ टूरिजम में भी अपनी पहचान स्थापित करेगा. झुंझुनूं में हेरिटेज टूरिजम के लिए आने वाले पर्यटक नए साल में जंगल और लेपर्ड सफारी का लुफ्त ले सकेंगे. जंगल और लेपर्ड सफारी शुरू होने के बाद झुंझुनूं भी वन्य अभ्यारण्य के लिए पहचान स्थापित करेगा.