Kota News: रामगंजमंडी में आयोजित की गई विक्रम साराभाई स्पेस एग्जिबिशन, 17 हजार छात्रों ने देखी प्रदर्शनी
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Kota News: रामगंजमंडी में आयोजित की गई विक्रम साराभाई स्पेस एग्जिबिशन, 17 हजार छात्रों ने देखी प्रदर्शनी

Kota News: रामगंजमंडी (कोटा) कोटा जिले की रामगंजमंडी में इसरो द्वारा विक्रम साराभाई स्पेस एग्जिबिशन आयोजित की गई. इसमें शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने इसरो की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया.

Kota News: रामगंजमंडी में आयोजित की गई विक्रम साराभाई स्पेस एग्जिबिशन, 17 हजार छात्रों ने देखी प्रदर्शनी

Kota News: रामगंजमंडी (कोटा) कोटा जिले की रामगंजमंडी में इसरो द्वारा विक्रम साराभाई स्पेस एग्जिबिशन आयोजित की गई. इसमें शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने इसरो की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बना है, जहां चंद्रयान ने सफलतापूर्वक तिरंगा लहराया.

कृषि उपज मंडी परिसर में 18 जनवरी से शुरू हुई इस प्रदर्शनी में स्पेस एप्लीकेशन सेंटर इसरो, अहमदाबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक परेश सरवैया के नेतृत्व में 10 वैज्ञानिकों की टीम मौजूद रही. मंत्री दिलावर ने सभी वैज्ञानिकों का पुष्प माला पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया.

कार्यक्रम की शुरुआत में एनसीसी कैडेट्स ने मंत्री को पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया. मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कृति मल्होत्रा ने अतिथियों का स्वागत किया, जिसके बाद मंत्री को विजय स्थम्भ भेंट किया गया. जिसके बाद स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. 

प्रदर्शनी के पहले दिन 6,000 छात्रों ने भाग लिया, जबकि दूसरे दिन 11,000 छात्रों के भाग लेने की संभावना है. यह प्रदर्शनी युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और भविष्य के वैज्ञानिकों को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. इसरो की उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए यह प्रदर्शनी छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान की ओर आकर्षित करने में सहायक साबित हो रही है.

इसरो वरिष्ठ वैज्ञानिक परेश सरवैया ने कहा कि रामगंज मंडी में प्रदर्शनी लगाने के दौरान देखा गया कि सरकारी स्कूल के बच्चे बहुत इंटेलिजेंट है. बच्चों की कैचिंग पॉवर बहुत अच्छी है. इससे साफ होता है कि राजस्थान में शिक्षा का स्तर बहुत उच्च है. सरकारी स्कूलों में कम संसाधनों के बावजूद स्कूली बच्चों के अंदर विज्ञान को समझने की रुचि और जिज्ञासा है. ऐसा लगता है कि आने वाले समय में रामगंज मंडी से भी इसरो वैज्ञानिक बनेंगे.

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