डीडवाना नगरपालिका क्षेत्र में बेशकीमती सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल लम्बे समय से चल रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि नगरपालिका की इस सम्पति का खुद नगरपालिका ने कोई सम्पति रजिस्टर पिछले लम्बे समय से मेन्टेन नहीं किया है जिसकी वजह से भूमाफियाओं की चांदी बनी हुई है.
Trending Photos
Nagaur News: डीडवाना नगरपालिका क्षेत्र में पिछले लंबे समय से सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल जारी है. नगरपालिका के अधिकारी इसमें मूक दर्शक बनकर बैठे हुए हैं जिसकी वजह से भूमाफियाओं के होसले बुलंद हैं. डीडवाना नगरपालिका क्षेत्र में बेशकीमती सरकारी जमीनों की बंदरबांट का खेल लम्बे समय से चल रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि नगरपालिका की इस सम्पति का खुद नगरपालिका ने कोई सम्पति रजिस्टर पिछले लम्बे समय से मेन्टेन नहीं किया है जिसकी वजह से भूमाफियाओं की चांदी बनी हुई है.
नगरपालिका की इन जमीनों पर धड़ल्ले से अतिक्रमण हो रहे हैं और यहां तक कि कई जमीनों के पत्ते भी फर्जी तरीके से बनवा लिए गए हैं और कुछ बनाने की तैयारी है. इससे नगरपालिका के अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद बनी हुई है. जानकारी के अनुसार नगरपालिका में जनता द्वारा चुने गए पार्षद भी इन जमीनों पर कब्जा कर बैठे हैं और नगरपालिका में फर्जी कागजातों के जरिये मिलीभगत कर फर्जी पट्टे भी जरी करवा लिए गए हैं.
गौरव पथ
नगर के शहरी गौरव पथ के आसपास की नेहरु कोलोनी और सिंघी सरोवर के पास की कई जमीनों पर कब्जे हो गए हैं इनमें से कुछ भूखंड नगरपालिका द्वारा पुराने समय में अपने कार्मिकों को आवंटित किये गए थे लेकिन उनपर कभी भी आवंटि काबिज नहीं हुए. जिनमें से कई भूखंडों पर कागजातों में हेराफेरी कर के पट्टों के लिए आवेदन किये हुए हैं जबकि कुछ भूखंडों के पट्टे जारी भी कर दिए गए हैं. इसमें नगरपालिका अध्यक्ष और पार्षदों के साथ साथ अधिशाषी अधिकारी की भूमिका संदेहपूर्ण है पुख्ता सूत्रों की माने तो चेयरमैन और कुछ पार्षदों ने अपने रिश्तेदारों के नाम यह जमीने करवा ली है. नगरपालिका के एक मृत कर्मचारी के नाम से भी फर्जी कागजात बनवाकर उस भूखंड को अपने नाम करवाने का प्रयास किया जा रहा है.
शीतल कुंड के सामने की जमीन
शितलकुंड के सामने स्थित तालाब की जमीन जो सरकारी जमीन है उसके ओरण में लम्बे समय से कब्जे का खेल चल रहा है. यहां अवैध रूप से कब्जा करके कई निर्माण कर लिए गए और अब एक बड़े भूभाग पर कब्जे का प्रयास जारी है जिसमें भी नगरपालिका के कुछ पार्षदों की भूमिका सामने आ रही है.
राममंदिर के पास बेशकीमती भूखंड
सार्वजनिक निर्माण विभाग के पीछे श्रीराम मंदिर के पास मैढ स्वर्णकार समाज शमशान भूमि के पास नगरपालिका के चार बेशकीमती भूखंडों के बंदरबांट का प्रयास भी जरी है इसके लिए नगरपालिका में पट्टे के लिए आवेदन कर दिया गया है जिसमें कुछ पार्षदों के रिश्तेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. इस मामले में RTI द्वारा सुचना मांगे जाने के लम्बे समय बाद भी नगरपालिका प्रशासन सुचना पर कुंडली मार कर बैठे हैं.
शिवाजी नगर
बीएसएनएल ऑफिस के पास स्थित शिवाजी नगर की बेशकीमती सरकारी जमीन पर भी लम्बे समय से बंदरबांट का खेल जारी है यहाँ लम्बे समय से इस सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टी है और कई बीघा सरकारी जमीन अब नाम मात्र की बची हुई है. हालांकि इसमें काफी भूखंड नगरपालिका द्वारा आवंटित किये जा चुके हैँ लेकिन बच्चे हुए भूखंड अब भूमाफियाओं का राज है.
शहर की और भी कई सरकारी जमीनें हैं जो भूमाफियाओं के राडार पर हैं और नगरपालिका के अधिकारीयों और पार्षदों से मिलीभगत कर भूमाफिया इन पर कब्ज़ा करने की फ़िराक में है जिनमें से साल्ट लेक एरिया के बरसाती नाले की जमीन, सालासर रोड पर दाल माल के साथ साथ एसटीपी के आसपास की जमीन भी इसमें शामिल हैं जिनपर राजनीतिक रसूख रखने वाले लोग कब्जा जमाए बैठे हैं.
इन सब सरकारी जमीनों में नगरपलिका की भूमिका सबसे अहम है लेकिन हालात यह हैं कि लम्बे समय से नगरपालिका द्वारा अपना संपत्ति रजिस्टर ही मेन्टेन नहीं करवाया गया है और ना ही नगरपालिका की तरफ से सरकारी जमीनों पर काबिज लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है जिससे साफ जाहिर होता है कि नगरपालिका के अधिकारियों और भूमाफियाओं की इसमें मिलीभगत है.