रोहट में हालात इस कदर खराब हैं कि जानवरों के लिए खेली में पानी भेजा जाता है और लोग उसे भी नहीं छोड़ते और खेली से पानी ले जा रहे. जानवरों का तो हाल ही बुरा है. चारा पानी के अभाव दम तोड़ रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से जानवरों के लिए पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.
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Pali: वैसे तो पूरे पाली जिले में पेयजल संकट भयंकर है लेकिन पाली शहर और रोहट उपखंड में हालात बद से बदतर हैं. पाली में पानी की सप्लाई 7 से 15 दिन में की जा रही है, वो भी अपर्याप्त है. टेल तक पानी पहुंचता ही नहीं. लोगों ने अपने स्तर पर वार्डों में नलकूप खुदवाए तो विधायक अपने स्तर पर आठ पानी के ट्रैक्टर अलग-जगह जहां जरूरत होती है, निशुल्क भिजवा रहे हैं.
रोहट में हालात इस कदर खराब हैं कि जानवरों के लिए खेली में पानी भेजा जाता है और लोग उसे भी नहीं छोड़ते और खेली से पानी ले जा रहे. जानवरों का तो हाल ही बुरा है. चारा पानी के अभाव दम तोड़ रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से जानवरों के लिए पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. भामाशाह अपने स्तर पर ही जानवरों के लिए पानी भिजवा रहे हैं.
पानी की बढ़ी किल्लत
जोधपुर से रोहट तक पानी की पाइप लाइन दिसंबर में ही आ जानी थी लेकिन जलदाय विभाग की लापरवाही कहें या जानबूझकर प्रशासन और सरकार को गुमराह किया गया कि आज तक पानी रोहट तो दूर निम्बला तक भी नहीं पहुंचा. अब लग रहा कि इस सीजन में पानी नहीं पहुंचेगा. करोड़ों रुपये मरम्मत के न खर्च हो गए और धरातल पर शून्य.
ट्रेन से आ रहा पानी भी कम
पाली में भी पानी ट्रेन से आ रहा है, वो भो पर्याप्त नहीं है. 7 से 15 दिन की सप्लाई, वो भी पूरी नहीं है. जलदाय विभाग पहले शहर के लिए प्रति दिन 25 एमएलडी एबी ढाई करोड़ लीटर की आवश्यकता बता रहा था जलदाय विभाग के अधिकारियों ने ही पानी को आंकड़ों के खेल के उलझा रखा, जो कोई समझना ही नहीं चाहता. आमजन पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहा है और विभाग के अधिकारी आराम की नींद सो रहे हैं.
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रिपोर्टर- सुभास रोहिसवाल