Alwar News : अलवर जिले की पहचान भौगोलिक दृष्टि से यहां अब तक 11 विधानसभा रही है , लेकिन अब जिला तीन टुकड़ो में बंट गया है , यहां से बनाये गए नए जिले खैरथल में भिवाडी(तिजारा) , किशनगढ़बास और मुंडावर विधानसभाओ को उसमे सम्माहित कर दिया जाएगा.
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Alwar News : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई प्रदेश में नए जिलों की घोषणा के बाद अलवर जिला तीन टुकड़ो में बंट गया, प्रदेश में हजारो करोड़ की रिवेन्यू देने वाला भिवाडी अब खैरथल में शामिल हो गया है तो वहीं बहरोड नीमराना कोटपूतली में चले जायेंगे, अब बचे हुए अलवर में ग्रोथ के नजरिये यहां कुछ खास नहीं बचा है, जिसके चलते अब अलवर को संभाग बनाने की मांग उठने लगी है.
अलवर जिले की पहचान भौगोलिक दृष्टि से यहां अब तक 11 विधानसभा रही है, लेकिन अब जिला तीन टुकड़ो में बंट गया है, यहां से बनाए गए नए जिले खैरथल में भिवाडी (तिजारा), किशनगढ़बास और मुंडावर विधानसभाओं को उसमे सम्माहित कर दिया जाएगा. वहीं नए जिले कोटपूतली-बहरोड में भी अलवर के बहरोड नीमराना और बानसूर को शामिल किया जाना है. हालांकि अभी सरकारी स्तर पर नोटिफिकेशन की औपचारिकता होना बाकी है. लेकिन नए जिलों की घोषणा के बाद जनप्रतिनिधियों में भी हलचल तेज हुई.
एक तरफ तिजारा विधायक सन्दीप यादव भिवाडी को जिला बनाना चाहते थे, लेकिन भिवाडी की जगह खैरथल को जिला बनाने पर उन्हें आघात लगा. यहां तक कि यादव ने विधानसभा गेट पर धरना भी दिया था, दरअसल विधायक सन्दीप यादव बसपा की टिकिट से तिजारा से चुनाव जीते थे और उन्होंने गहलोत सरकार के संकट के समय पूरा साथ दिया था. वहीं बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे, सन्दीप यादव को तो नहीं लेकिन बसपा से ही जीते किशनगढ़बास विधायक दीपचंद खैरिया को इनाम मिला और उनके क्षेत्र खैरथल को जिला बना दिया गया.
हालांकि नए जिले बनने के बाद स्थानीय स्तर पर कहीं खुशी तो कहीं गम नजर आ रहा है. कहीं नेताओं को मालाएं पहनाई जा रही है तो बहरोड, नीमराना और भिवाडी में जिला ना बन पाने को लेकर लोगों मे नाराजगी बनी हुई है. अब अलवर को संभाग बनाये जाने की मांग उठने लगी है. यहां स्थानीय लोगो सहित जनप्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री से अलवर को सम्भाग बनाने की मांग ऊठाई है, पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने भी कहा अलवर जिला प्रदेश में हर मायनो में अलग स्थान रखता आया है अब अलवर के आसपास और भी जिले बना दिये गए अलवर को संभाग बनाने से लोगों को जयपुर नहीं आना जाना पड़ेगा. अलवर हर नजरिये से संभाग बनाये जाने से उपयुक्त है.
वहीं इसी संदर्भ में अलवर विधायक संजय शर्मा भी विधानसभा में अलवर को संभाग बनाये जाने की मांग उठा चुके है, साथ ही उन्होंने कहा सरकार ने तीन नए संभाग बनाये जाने की घोषणा की है लेकिन अलवर को संभाग का दर्जा नहीं दिया गया, जबकि राजस्व के नजरिये से जयपुर के बाद अलवर का भिवाडी करीब आठ हजार करोड़ रु विभिन्न टेक्सों के रूप में हर साल देता है, अलवर को संभाग बनाये जाने से आसपास के जिलों को भी फायदा होगा. वहीं इसी मांग को लेकर जिला व्यपार महासंघ ने जिला अध्यक्ष रमेश जुनेजा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर अलवर को संभाग बनाये जाने की मांग की है.
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