Rajasthan Election से पहले अमित शाह ने भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर के लिए बनाई ये रणनीति
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Rajasthan Election से पहले अमित शाह ने भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर के लिए बनाई ये रणनीति

Rajasthan assembly election से पहले पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर और करौली जिलों पर बीजेपी की नजर है. विधानसभा चुनाव में यहां वापसी के लिए हाल ही में अमित शाह ने bharatpur का दौरा भी किया था. उधर अशोक गहलोत भी 156 सीटें जीतने का दावा कर रहे है. ऐसे में क्या भरतपुर संभाग में अमित शाह की रणनीति कामयाब होगी.

Rajasthan Election से पहले अमित शाह ने भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर के लिए बनाई ये रणनीति

Rajasthan Election : अमित शाह हाल ही में भरतपुर के दौरे पर आए थे. यहां उन्होनें  बूथ विजय संकल्प कार्यक्रम में भाग लिया. बीजेपी कार्यकर्ताओं को अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ जीत का मंत्र दिया. उधर अशोक गहलोत भी इस बार राजस्थान चुनाव में 156 सीटें जीतने का दावा कर रहे है. महंगाई राहत कैंप के बहाने CM गहलोत खुद एक एक जिले का दौरा कर रहे है. ऐसे में देखने वाली बात ये है कि पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर और करौली के अलावा सवाई माधोपुर और दौसा समेत इस पूरे इलाके में क्या अमित शाह करिश्मा कर पाते है.

पीएम मोदी का नहीं चला था जादू

पीएम मोदी राजस्थान चुनाव 2013 और 2018 में भरतपुर में सभाएं कर चुके है. 2013 में पीएम भरतपुर दौरे पर आए थे. यहां डीग-कुम्हेर सीट पर दिगंबर सिंह के लिए प्रचार भी किया लेकिन वो चुनाव हार गए. हालांकि उसके बाद के लोकसभा चुनाव में यहां की सीटें बीजेपी ने ही जीती.

राजस्थान चुनाव 2018 में भी प्रचार

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में भी पीएम मोदी ने यहां प्रचार किया था. भरतपुर संभाग में पीएम की रैली हुई थी. वसुंधरा राजे समेत प्रदेश बीजेपी के कई नेता भी मौजूद रहे थे. लेकिन चुनावों में भरतपुर संभाग में बीजेपी का सूफड़ा साफ हो गया था. भरतपुर संभाग की 19 सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 1 सीट मिली थी. ऐसे में इस बार पार्टी का इस इलाके पर पूरा ध्यान है. भरतपुर संभाग समेत दौसा जैसे इलाकों को मिलाकर ही 2018 में कांग्रेस को बड़ी बढ़त मिली थी जिसकी वजह से सीटों में बीजेपी पिछड़ गई.

ERCP बन रहा बड़ा मुद्दा

पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को साधने वाली योजना ERCP भी इस बार चुनावों में बड़ा मुद्दा बन रही है. इसमें जयपुर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर, दौसा, अलवर, टोंक, बूंदी, झालावाड़, बारां और कोटा जिले शामिल है. कांग्रेस इसको लेकर लगातार बीजेपी को घेरने में लगी हुई है. 

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अशोक गहलोत 156 सीटें जीतने का दावा कर रहे है. बीजेपी का दावा है कि CM गहलोत और सचिन पायलट के बीच की लड़ाई का फायदा भाजपा को होगा. राजस्थान चुनाव से पहले वसुंधरा राजे भी कोटा संभाग में सक्रिय हो गई है. हाल ही में झालावाड़ का दौरा किया था. सीएम गहलोत चार दिन तक बीकानेर संभाग में डेरा डाले रहे.

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सवाल है कि क्या पूर्वी राजस्थान में जहां पीएम मोदी की पिछले दोनों चुनावों में रैलियों के बावजूद कामयाबी नहीं मिली. वहां इस पर अमित शाह जादू कर पाएंगे. क्या अशोक गहलोत के जादू पर शाह का जादू काम कर पाएगा. और बीजेपी फिर से सत्ता में आ पाएगी.

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