Navratri 2024: नवरात्रि की 30 साल पुरानी परंपरा प्रतापगढ़ में जीवंत, झांकियों का मंचन देखने पहुंचते हैं सैकड़ों लोग
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Navratri 2024: नवरात्रि की 30 साल पुरानी परंपरा प्रतापगढ़ में जीवंत, झांकियों का मंचन देखने पहुंचते हैं सैकड़ों लोग

Navratri 2024: प्रतापगढ़ जिले में नवरात्र के पांचवें दिन सोमवार को श्रद्धालुओं ने मां स्कंदमाता की आराधना की. मां स्कंदमाता की पूजा संतान सुख के लिए की जाती है. मान्यता है कि मां अपने भक्तों की रक्षा पुत्र के समान करती हैं. 

Pratapgarh news
Navratri 2024: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में नवरात्र के पांचवें दिन सोमवार को श्रद्धालुओं ने मां स्कंदमाता की आराधना की. मां स्कंदमाता की पूजा संतान सुख के लिए की जाती है. मान्यता है कि मां अपने भक्तों की रक्षा पुत्र के समान करती हैं. भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने को कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. 

 

सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा. देर रात तक शहर के गरबा पंडालों में महिलाओं और युवकों के द्वारा एक से बढ़कर एक गरबा नृत्य पर प्रस्तुतियां दी गई. इसी दौरान भाटपुरा नवयुवक गरबा मंडल के द्वारा पांडव और कौरव की झांकी का मंचन किया गया. जिसे देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग पंडाल में नजर आए. 

 

कौरव और पांडवों द्वारा जुए में सब कुछ हार जाने के बाद द्रौपदी को भी दांव पर लगाकर कौरवों द्वारा द्रौपदी चीर हरण के समय भगवान कृष्ण के लाज बचाने की झांकी का सजीव मंचन किया गया. नवरात्र के पंचमी से विजयदशमी तक प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की झांकियों का मंचन भाटपुरा गरबा मंडल द्वारा करीब 30 वर्षों से किया जा रहा है. इन झांकियों का आनंद लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन गरबा मंडल में पहुंच रहे हैं. 

 

शहर के अंबिका राजेश्वरी मंदिर में देर रात तक हजारों की संख्या में पहुंचकर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया. यहां सुबह माता के अभिषेक के साथ दोपहर को आकर्षक श्रगार और देर रात को घट ज्योत प्रज्ज्वलन सहित कई धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आनंद लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

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